Highlights
- बीएड शिक्षित राजेश्वरी ने ममेरे भाई के कहने पर ड्रग्स रैकेट फैलाया।
- 5 माह में 3 राज्यों में फैलाया 1400 किमी का ड्रग्स सप्लाई नेटवर्क।
- अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पति-पत्नी को 357 ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ पकड़ा।
- लखनऊ से सांचौर होते हुए अहमदाबाद तक होती थी ड्रग्स की सप्लाई।
सांचौर: सांचौर (Sanchore) की राजेश्वरी बिश्नोई (Rajeshwari Bishnoi) ने ममेरे भाई सुभाष गोदारा (Subhash Godara) के कहने पर 5 माह में 3 राज्यों में ड्रग नेटवर्क फैलाया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच (Ahmedabad Crime Branch) ने पति कमलेश बिश्नोई (Kamlesh Bishnoi) के साथ उसे गिरफ्तार कर 357 ग्राम एमडी ड्रग्स (MD Drugs) जब्त की।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सोमवार को एक बड़े ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। वाडज स्थित खत कॉलोनी के अखबारनगर सर्कल के पास किराए के मकान में रह रहे राजस्थान मूल के दंपती कमलेश बिश्नोई (28) और उसकी पत्नी राजेश्वरी बिश्नोई (24) को गिरफ्तार किया गया। राजेश्वरी अपने पति के साथ 357 ग्राम एमडी ड्रग्स की फुटकर बिक्री करवाने पहुंची थी, तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
अहमदाबाद में पकड़े गए ड्रग्स रैकेट का खुलासा
अधिकारियों के मुताबिक, दंपती के घर की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद हुई। जब्त की गई एमडी ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 35.77 लाख रुपए आंकी गई है। पुलिस के अनुसार, इस पूरे रैकेट में राजेश्वरी को धकेलने वाला उसका ममेरा भाई और मुख्य सरगना सांचौर के कांटोल गांव का सुभाष गोदारा है। यह नेटवर्क इतना फुलप्रूफ था कि राजस्थान पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी, जबकि गुजरात क्राइम ब्रांच ने इसे पांच महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उजागर किया।
पुलिस को मौके से डिजिटल वजन मशीन, प्लास्टिक जिप बैग और पैकिंग में उपयोग होने वाली सामग्री भी मिली। इससे यह स्पष्ट हो गया कि यह मकान लंबे समय से ड्रग्स सप्लाई के ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल हो रहा था। दंपती पिछले छह महीने से इस किराए के मकान में रह रहे थे और यहीं से अपने अवैध धंधे को अंजाम दे रहे थे।
ममेरे भाई सुभाष गोदारा था मुख्य सरगना
शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि सुभाष गोदारा ही इस पूरे ड्रग्स नेटवर्क को संचालित करता था। राजेश्वरी बिश्नोई उसके निर्देशों पर काम करती थी और ड्रग्स की खेप को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती थी। क्राइम ब्रांच ने दंपती पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और भी कई नाम सामने आ सकते हैं, जिससे ड्रग्स तस्करी के इस बड़े जाल को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
बीएडधारी राजेश्वरी की भूमिका
गिरफ्तार महिला राजेश्वरी बिश्नोई बीएड तक पढ़ी-लिखी है। अपनी शिक्षा का उपयोग करने के बजाय, वह अपने ममेरे भाई के कहने पर इस अवैध धंधे में शामिल हो गई। पिछले पांच महीनों में, वह चार से पांच बार राजस्थान से अहमदाबाद एमडी ड्रग्स लेकर आई और यहां के स्थानीय पैडलर्स को सप्लाई करती रही। उसकी भूमिका ड्रग्स को मुख्य स्रोत से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने की कड़ी में महत्वपूर्ण थी।
1400 किमी में फैला था ड्रग्स का जाल
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस ड्रग्स रैकेट का नेटवर्क तीन राज्यों में फैला हुआ था, जिसकी कुल लंबाई करीब 1400 किलोमीटर थी। ड्रग्स की सोर्सिंग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से होती थी। लखनऊ से लगभग 1159 किलोमीटर दूर राजस्थान के सांचौर तक एमडी ड्रग्स पहुंचाई जाती थी। सांचौर इस नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण पिकअप सेंटर था।
सांचौर से फिर यह ड्रग्स 245 किलोमीटर दूर गुजरात के अहमदाबाद तक विभिन्न माध्यमों से भेजी जाती थी। अहमदाबाद पहुंचने के बाद, इसे गुजरात के अलग-अलग सप्लायरों और स्थानीय पैडलर्स के माध्यम से फुटकर बिक्री के लिए वितरित किया जाता था। यह एक सुनियोजित और विस्तृत सप्लाई चेन थी, जिसे भेदना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी।
लखनऊ से राजस्थान और फिर गुजरात तक सप्लाई
राजेश्वरी ने सुभाष के कहने पर लखनऊ से 1 किलो एमडी ड्रग्स राजस्थान पहुंचाया था। इसी खेप में से 357 ग्राम एमडी ड्रग्स लेकर वह अहमदाबाद आई थी, जिसे यहां के स्थानीय पैडलर से फुटकर बिक्री करवानी थी। यह दर्शाता है कि यह ड्रग्स तस्करी का एक बड़ा और संगठित गिरोह था, जो कई राज्यों में सक्रिय था।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए दंपती को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, इस रैकेट का मुख्य सरगना सुभाष गोदारा अभी भी फरार है। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है और विभिन्न संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सुभाष गोदारा को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस पूरे ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा। इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस अन्य संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रही है।
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