हीटवेव प्रबंधन में जुटा चिकित्सा विभाग: जिला प्रशासन के समन्वय से नियुक्त हुए चिकित्सा संस्थानवार नोडल अधिकारी

जिला प्रशासन के समन्वय से नियुक्त हुए चिकित्सा संस्थानवार नोडल अधिकारी
हीटवेव प्रबंधन में जुटा चिकित्सा विभाग
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Highlights

  • अधिकारी प्रतिदिन अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।
  • हीटवेव से पीड़ित रोगियों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए राज्य स्तर के साथ-साथ सभी जिलों में 24 घंटे कंटोल रूम का संचालन किया जा रहा है।
जयपुर | प्रदेश में भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार बेहतर प्रबंधन कर रहा है। हीटवेव प्रबंधन के तहत अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित मॉनिटरिंग एवं तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिलों में चिकित्सा संस्थानवार नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। 
 
यह नोडल अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर हीटवेव से बचाव, जांच, दवा एवं उपचार सहित तमाम प्रबंध सुनिश्चित करेंगे। 
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में लू-तापघात की गंभीर स्थितियों को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में समुचित व्यवस्थाओं को लेकर निरंतर मॉनिटरिंग कर रहा है। 
 
इसी क्रम में जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हीटवेव प्रबंधन के लिए उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 
 
यह अधिकारी प्रतिदिन अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। साथ ही, अस्पताल की तात्कालिक आवश्यकताओं के संबंध में जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए उनका प्रबंध करना सुनिश्चित करेंगे। 
 
24 घंटे कंट्रोल रूम, आरएमआरएस से पूरी कर रहे तात्कालिक आवश्यकताएं
 
श्रीमती सिंह ने बताया कि हीटवेव से पीड़ित रोगियों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए राज्य स्तर के साथ-साथ सभी जिलों में 24 घंटे कंटोल रूम का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, हैल्पलाइन 1070 एवं एम्बुलेंस सेवा 104 एवं 108 उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के आरएमआरएस फण्ड का युक्ति संगत उपयोग करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद इसकी बैठकें आयोजित कर अस्पताल प्रशासन कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर के साथ ही आवश्यक दवाओं एवं उपचार के अन्य प्रबंध सुनिश्चित कर रहे हैं। 
 
बालोतरा में तत्काल उपचार उपलब्ध करवा बचाई जान
 
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि प्रदेश में हीटवेव प्रबंधन के माकूल इंतजाम सुनिश्चित कर लू-तापघात से पीड़ित रोगियों की जीवनरक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसा ही एक मामला बालोतरा में सामने आया। 
 
भरतपुर निवासी जीतू कटारा, जो बाड़मेर रिफाइनरी में कार्यरत है। वह रविवार को रिफाइनरी में काम के बाद जैसे ही अपने कमरे पर गया, वहां खाना बनाते हुए बेहोश होकर गिर गया।  लू-तापघात से पीड़ित जीतू कटारा को बालोतरा के राजकीय चिकित्सालय में पहुंचाया गया। यहां तत्काल उपचार उपलब्ध करवाकर उसका जीवन बचाया गया।  
 
लू-तापघात से प्रदेश में एक मौत
 
निदेशक जनस्वास्थ्य ने बताया कि लू-तापघात के चलते रविवार को प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अजमेर के सराना गांव निवासी 40 वर्षीय मोती सिंह दिहाड़ी मजदूर है। शनिवार को रूपनगढ़ गांव में टेक्टर में पत्थर भरते समय उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे सीएचसी रूपनगढ़ लाया गया। यहां से उसे जिला अस्पताल किशनगढ़ रैफर किया गया था। प्रोटोकॉल एवं गाइडलाइन के अनुसार उपचार देते हुए रोगी को एम्बुलेंस से किशनगढ़ रवाना किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई। 
 
27 एवं 28 मई को उच्च स्तरीय समीक्षा
 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर प्रदेश में हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों को लेकर 27 एवं 28 मई को उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा करेंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 27 मई को आयोजित बैठक में राज्य स्तर के साथ ही जोनल स्तर के अधिकारी हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों के संबंध में की गई तैयारियों एवं गतिविधियों से अवगत कराएंगे। इसी प्रकार 28 मई को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।

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