मतभेद तो परिवार में भी होते हैं: नव नियुक्त सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन ने कहा- गहलोत-पायलट दोनों बलशाली नेता हैं

नव नियुक्त सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन ने कहा- गहलोत-पायलट दोनों बलशाली नेता हैं
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सहप्रभारी सचिव अमृता धवन ने सचिन पायलट मामले में कहा कि एक्शन क्यों लिया जाए। धवन ने कहा कि हम बोलने पर दूसरी पार्टियों की तरह सीधे तलवार चलाकर गर्दन नहीं काटते। सबको सुनते हैं। 

जयपुर | राजस्थान में पिछले करीब 5 सालों से कांग्रेस में चली आ रही गहलोत और पायलट के बीच वर्चस्व की लड़ाई किसी छिपी नहीं है। 

दोनों के बीच बार-बार उभर कर सामने आ रही इस लड़ाई से पार्टी के शीर्ष नेताओं को विधानसभा चुनावों में खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है।

ऐसे में गहलोत-पायलट कैंप के बीच चल रहे कोल्ड वॉर शांत करने के लिए आलाकमान कई बार कोशिशें भी कर चुका है, लेकिन कुछ समय के लिए तो सब ठीक हो जाता है, लेकिन फिर से स्थिति बिगड़ जाती है।

अब इन सबके बीच राजस्थान कांग्रेस के नव नियुक्त सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ और सहप्रभारी सचिव अमृता धवन का बड़ा बयान सामने आया है। 

गहलोत और पायलट दोनों बलशाली नेता हैं...

गुरूवार को नियुक्ति के बाद पहली बार जयपुर पहुंचे वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने मीडिया में कहा कि सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों बलशाली नेता हैं, एक के पास लंबा अनुभव है तो  दूसरे के पास बेहद ऊर्जा । 

ये हमारा सौभाग्य है कि राजस्था कांग्रेस में अनुभव और ऊर्जा दोनों मौजूद है, इसलिए हम दोनों को साथ लेकर चलेंगे।

मतभेद तो परिवार में भी होते हैं...

वहीं दूसरी ओर, राजस्थान में कांग्रेस की नई सहप्रभारी सचिव अमृता धवन ने भी राजस्थान कांग्रेस पार्टी गहलोत-पायलट गुट को लेकर चली आ रही टकरार पर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा है कि मतभेद कहां नहीं होते। परिवार में भी मतभेद होते हैं। 

पार्टी में मतभेद और डिफरेंस ऑफ ऑपिनियन होते हैं। परिवार में भी तो बच्चों के विचार कई बार अपने माता-पिता से अलग हो सकते हैं। 

इसी तरह से पार्टी भी परिवार है और यहां भी विचारों में मतभेद मिल सकता है। हम सबसे मिलेंगे, सबके मन की बात को सुनेंगे और मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे। 

पायलट मामले में एक्शन क्यों ?

इसी के साथ सहप्रभारी सचिव अमृता धवन ने सचिन पायलट मामले में कहा कि एक्शन क्यों लिया जाए। 

धवन ने कहा कि हम बोलने पर दूसरी पार्टियों की तरह सीधे तलवार चलाकर गर्दन नहीं काटते। सबको सुनते हैं। 

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