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डेमोक्रेसी को ईडी (ED), सीबीआई(CBI), इनकम टैक्स (Tex), इलेक्टोरल बॉन्ड (ELECTROD BOND) से कमजोर किया है।
अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में डबल डिजिट में कांग्रेस जीत सकती है
राजस्थान | पूर्व सीएम अशोक गहलोत (ashok gahlot) ने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के आरक्षण को लेकर दिए बयानों पर सवाल उठाए हैं। साथ ही एनडीए सरकार के हारने का दावा किया है। गहलोत ने कहा- मोदी को यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि हम आरक्षण समाप्त नहीं करेंगे ? इनकी पहले की हरकतों को देखकर देशवासियों के जेहन में बात आ गई है. बिना बहस किए जिस प्रकार से संविधान संशोधन किए हैं। लोकसभा और राज्यसभा में कानून पास किए गए.
जयपुर में मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा- इनके पिछले रिकॉर्ड को देखकर लोग भय खा रहे हैं। इनकी साख (credibility) इतनी डाउन हो गई है कि लोगों को लगता है कि 400 पार की बात इसलिए कर रहे हैं कि उनको संविधान बदलना है। अंबेडकर के संविधान को बदलने की जरूरत नहीं है। इसी को लेकर रिएक्शन है।
गहलोत ने कहा- मोदी के बयान इन दिनों अजीबोगरीब आ रहे हैं। पता नहीं क्या बोल रहे हैं? दो भैंस होगी तो एक भैंस कांग्रेस ले लेगी, यह क्या बयान है ? हमारी कांग्रेस सरकार ने तो दो गाय और दो भैंस का बीमा किया था। हम तो यही सोच सकते हैं। यह पता नहीं कहां से मंगलसूत्र लेकर आ गए। कहां से भैंसें लेकर आ गए? क्या-क्या बयान (statement) दे रहे हैं? पूरे देश में लोगों में आक्रोश भी है। लोगों को हंसी भी आ रही है कि प्रधानमंत्री को हो क्या रहा है?
खुद वाले में तो दम नहीं तो कांग्रेस के मैनिफेस्टो की आलोचना करने लगे मोदी
गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री (PM) से उम्मीद नहीं कर सकते कि वो ऐसे बयान देशवासियों को देंगे। इसका कोई तुक नहीं है। कांग्रेस मैनिफेस्टो का क्या संबंध है मुस्लिम लीग से? उसमें जो गारंटी दी गई है। उन्होंने उस पर बहस शुरू कर दी। हर पार्टी अपने मैनिफेस्टो के बारे में चर्चा करती है। उसे विस्तार करते हैं कि हमने यह अच्छे काम किए हैं। पहली बार देख रहा हूं कि मोदी खुद के मैनिफेस्टो की जगह कांग्रेस के मैनिफेस्टो पर बोल रहे हैं। खुद वाले में तो दम नहीं है। कांग्रेस मैनिफेस्टो में राहुल गांधी की 10 हजार किलोमीटर की यात्रा में आए देश के मुद्दों का निचोड़ है। देश क्या चाहता है, उसका निचोड़ है। मोदी अब उसकी आलोचना करने लगे हैं, व्याख्या करने लगे हैं।
जनता कब पलटवार करती पता नहीं है
पूर्व सीएम ने कहा- वैसे ही हालत खराब है। डेमोक्रेसी को ईडी (ED), सीबीआई(CBI), इनकम टैक्स (TEX), इलेक्टोरल बॉन्ड (ELECTROD BOND) से कमजोर किया है। जनता कम पढ़ी-लिखी हो सकती है, लेकिन जनता का मजबूत सामान्य ज्ञान (robust commonsense) शानदार है। जनता ऐसा झटका देती है, मालूम नहीं पड़ता है। हमें तो अनुभव है। इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं, जिसने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे। इंडिया शाइनिंग के नारे के बावजूद वाजपेयी चुनाव हार गए थे। पता ही नहीं पड़ेगा कि जनता क्या कब फैसला करेगी ? 400 पार तो छोड़िए, अगर एनडीए सरकार चली जाए तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए। जनता में भारी रिएक्शन है।
राजस्थान अच्छे मतों से कांग्रेस जीतेगी
अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में डबल डिजिट में कांग्रेस जीत सकती है, राजस्थान में 22 जगह मैं खुद गया हू। मुझे मालूम है, कांग्रेस राजस्थान में डबल डिजिट में सीटें जीतेगी।
मोदी के बुराई कांग्रेस लोगो के दिलो राज करंने लगी
गहलोत ने कहा- जनता का मूड बदल गया है। जनता जब साथ होती है तो सब बदल जाता है। सच्चाई के जो मुद्दे जनता लेकर आ गई, वही मुद्दे कांग्रेस (congress) के हैं। महंगाई, बेरोजगारी जनता और कांग्रेस का भी मुद्दा है। गरीब, अमीर के बीच खाई बन रही है, यह मुद्दा बड़ा है। मैनिफेस्टो में भी यही बातें हैं। गारंटी शानदार दी गई हैं। जब प्रधानमंत्री के लेवल से आलोचना होने लगी है तो लोग कांग्रेस के मैनिफेस्टो को ज्यादा डाउनलोड करने लगे हैं। वह और ज्यादा पॉपुलर हो गया है।
मोदी का 400 का नारा हो रहा फ्लॉप
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- इंदौर (indore) में कांग्रेस उम्मीदवार को ब्लैकमेल (blackmail) किया। 376 का केस लगा दो, अच्छे-अच्छे लोग घबरा जाते हैं। एक तरफ 400 पार का नारा दे रहे हैं और दूसरी तरफ इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। 400 पार जिस पार्टी का स्लोगन बन गया, उस पार्टी को ये हथकंडे अपनाने की जरूरत क्यों पड़ रही है। सूरत, इंदौर और चंडीगढ़ में ये हथकंडे अपना रहे हैं? इंदौर और सूरत तो बीजेपी 25 साल से जीत रही है। उसके बावजूद भी मैसेज देने के लिए काम कर रहे हैं। यह मैसेज उल्टा जा रहा है। सामान्य बात होती, जीत-हार होती रहती है तो बात अलग होती, लेकिन वहां लगातार जीत रहे हो तो भी ये हथकंडे अपना रहे हो।
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल परकारवाही क्यों नहीं करते
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल (sex scandal) पर गहलोत ने कहा- बीजेपी बोलेगी भी क्या, उन्होंने प्रचार साथ किया था, कैंपेन किया था। उनको कार्रवाई करनी चाहिए। अगर किसी ने क्राइम किया है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य सरकार ने एसआईटी बना दी। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। यह देश में ऐसा मुद्दा बन गया कि लोग सोचते होंगे कि देश में क्या हो रहा है? एक सांसद ऐसा भी कर सकता है क्या? जिस परिवार से प्रधानमंत्री रहे हों, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण भी है और निंदनीय भी है।
पोस्ट कोविड मौतों पर रिसर्च करे आईसीएमआर (ICMR), बचाव के उपाय भी सुझाए
कोविड (COWIN) की वैक्सीन से मौतों की आशंका वाली लंदन कोर्ट में दी गई रिपोर्ट पर गहलोत ने कहा- पोस्ट कोविड प्रॉब्लम हो रही हैं। जवान लोगों की मौतें हो रही हैं। डांस और एक्सरसाइज करते हुए मौत हो रही हैं। पोस्ट कोविड प्रॉब्लम लोगों को हो रही है। मुझे भी हुई है। मुझे स्टंट लग गया। एक बार ऑक्सीजन (O2) कम हो गई। मैंने सुना है कि पोस्ट कोविड शरीर के किसी भी अंग में परेशानी हो सकती है। किसी भी रूप में यह प्रॉब्लम हो सकती है। आईसीएमआर (ICMR) को ईमानदारी से बताना चाहिए। यह कोई छुपाने की बात नहीं है।
आईसीएमआर (ICMR) को चाहिए कि वह कृपा करके सब काम छोड़कर पहली प्राथमिकता में रिसर्च करे और जो नए तथ्य (FACT) सामने आए हैं उसके आधार पर आगे बढ़े। फिर यह रिसर्च भी करे कि अगर यह स्थिति है तो बचा कैसे जा सकता है? इसका बचाव क्या है? उसका भी रिसर्च होना चाहिए। वरना रिसर्च का क्या फायदा? अगर मालूम पड़ गया कि ऐसी दिक्कत हो रही है वह एक पक्ष है तो दूसरा पक्ष यह भी है कि अगर ऐसा हुआ तो यह इसकी दवाई है। यह ज्यादा जरूरी है।