Highlights
- पाली में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत 1 लाख 25 हजार 549 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए।
- 73 हजार से अधिक मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हुए, जबकि 23 हजार से ज्यादा की मृत्यु हो गई।
- गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से 29 हजार मतदाताओं के नाम हटे।
- जिले में 234 नए मतदान केंद्र बनाए गए, कुल संख्या 1631 हुई।
पाली। राजस्थान के पाली जिले में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस प्रक्रिया में जिलेभर से कुल 1 लाख 25 हजार 549 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। इन नामों को हटाने के पीछे विभाग ने विस्तृत कारण भी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराए हैं, जिनमें मुख्य रूप से मतदाताओं का स्थानांतरण और मृत्यु शामिल हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने जारी की सूची
मंगलवार को पाली जिला निर्वाचन अधिकारी (District Election Officer) एलएन मंत्री (L.N. Mantri) ने मतदाता सूची की जानकारी देते हुए बताया कि इस पुनरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। विशेष रूप से, पाली जिले से 73 हजार 579 मतदाता ऐसे हैं जो दूसरे शहरों में स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं। इन सभी मतदाताओं ने स्वयं अपना नाम जिले की सूची से हटवा लिया है। इसके अलावा, 23 हजार 518 मतदाताओं की मृत्यु भी दर्ज की गई है, जिनके नाम सूची से हटाए गए हैं।
गोपालन मंत्री के क्षेत्र से 29 हजार नाम हटे
हटाए गए नामों की इस सूची में सबसे अधिक संख्या पाली विधानसभा क्षेत्र से है। वहीं, दूसरे नंबर पर गोपालन मंत्री (Go-palan Minister) जोराराम कुमावत (Joraram Kumawat) का विधानसभा क्षेत्र सुमेरपुर (Sumerpur) है, जहां से 29 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाताओं की नई सूची भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी सौंप दी गई है।
आपत्तियां और अंतिम प्रकाशन की तिथि
मतदाता सूची को लेकर 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी। इन आपत्तियों के निस्तारण के बाद, 14 फरवरी 2026 को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। यह प्रक्रिया निष्पक्ष और त्रुटिरहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि
जिला निर्वाचन अधिकारी एलएन मंत्री ने बताया कि जिले में ऐसे मतदान केंद्र जहां 1200 से अधिक मतदाता थे, उनका पुनर्गठन किया गया है। इस पुनर्गठन के तहत 234 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अब पाली जिले में मतदान केंद्रों की कुल संख्या 1397 से बढ़कर 1631 हो गई है। इस पहल से यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, जिससे मतदान प्रक्रिया सुगम हो सके।
विधानसभावार हटाए गए नामों का विवरण
जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों - सोजत (Sojat), पाली (Pali), मारवाड़ जंक्शन (Marwar Junction), बाली (Bali) और सुमेरपुर (Sumerpur) में कुल 15 लाख 13 हजार 72 मतदाता थे। इनमें से 13 लाख 87 हजार 523 मतदाताओं ने प्रपत्र भरकर जमा करवाए थे। विधानसभावार हटाए गए नामों का विवरण इस प्रकार है:
- सोजत: 3089 मृत्यु, 10465 स्थायी रूप से स्थानांतरित, कुल 15738 नाम हटे।
- पाली: 5346 मृत्यु, 18581 स्थायी रूप से स्थानांतरित, कुल 37684 नाम हटे। पाली विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 18581 मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हुए।
- मारवाड़ जंक्शन: 3883 मृत्यु, 14144 स्थायी रूप से स्थानांतरित, कुल 21685 नाम हटे।
- बाली: 5526 मृत्यु, 12351 स्थायी रूप से स्थानांतरित, कुल 21349 नाम हटे।
- सुमेरपुर: 5673 मृत्यु, 18038 स्थायी रूप से स्थानांतरित, कुल 29093 नाम हटे।
कुल मिलाकर, 23517 मतदाताओं की मृत्यु हुई और 73579 मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हुए, जबकि अन्य कारणों से भी नाम हटाए गए।
नए मतदाता कैसे जुड़वाएं नाम?
जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन युवा मतदाताओं को भी जानकारी दी है जो 1 अप्रैल 2026, 1 जुलाई 2026 या 1 अक्टूबर 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे। ऐसे मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 और निर्धारित घोषणा पत्र भरकर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य से बाहर के मतदाताओं के स्थानांतरण के लिए फॉर्म-8 के साथ घोषणा पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह विशेष गहन पुनरीक्षण 2026 कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा 27 अक्टूबर 2025 को घोषित किया गया था, जिसके तहत 4 नवंबर 2025 से 11 दिसंबर 2025 तक गणना चरण के दौरान सभी मतदाताओं को गणना प्रपत्र बांटे और एकत्रित किए गए थे।
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