Highlights
- पिंडवाड़ा में चुना पत्थर खनन माइंस आवंटन के खिलाफ ग्रामीणों का लगातार विरोध।
- अजारी में आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं का घेराव।
- विधायक समाराम गरासिया ने माइंस आवंटन के कागज न देखने की कसम खाई।
- कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड को माइंस आवंटन का विरोध।
पिंडवाड़ा: सिरोही (Sirohi) के पिंडवाड़ा (Pindwara) में चुना पत्थर खनन माइंस आवंटन (Limestone Mine Allocation) के खिलाफ आंदोलन (Protest) जारी है। आज अजारी (Ajari) में आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने सांसद लुंबाराम चौधरी (MP Lumbaram Chaudhary) सहित भाजपा नेताओं का घेराव किया।
सिरोही जिले के पिंडवाड़ा में चुना पत्थर खनन माइंस आवंटन के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन एक महीने से भी अधिक समय से लगातार जारी है।
यह विरोध प्रदर्शन भीमाणा, भारजा, वाटेरा और रोहिड़ा सहित आसपास के सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।
कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को आवंटित होने वाली इस माइंस को लेकर ग्रामीण लगातार अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं।
भाजपा नेताओं को झेलना पड़ा ग्रामीणों का आक्रोश
गुरुवार, 30 अक्टूबर को पिंडवाड़ा के अजारी स्थित मारकुंडेश्वर राजगुरु भवन में आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे, जिन्हें ग्रामीणों के जबरदस्त आक्रोश का सामना करना पड़ा।
जालोर सांसद लुंबाराम चौधरी सहित अन्य भाजपा नेताओं का ग्रामीणों ने कार्यक्रम स्थल पर ही घेराव किया।
ग्रामीणों ने नेताओं से दो टूक पूछा कि "जनभावनाओं के अनुरूप आप क्यों नहीं कर रहे सहयोग?"
भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध जोरदार नारेबाजी की गई, जिसमें "हाय हाय" के नारे लगाकर जबरदस्त विरोध जताया गया।
विधायक समाराम गरासिया का बयान
पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया ने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने माइंस आवंटन से संबंधित कोई भी कागज नहीं देखा है।
उन्होंने अपनी बात पर जोर देने के लिए मार्कण्डेश्वर जी और सरस्वती माता की कसम भी खाई।
विधायक के इस बयान से ग्रामीणों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर इस आवंटन के पीछे कौन है।
आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का आयोजन
अजारी में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना और केंद्र सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालना था।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश मंत्री सांवलाराम देवासी, जालोर सांसद लुम्बाराम चौधरी, पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया और जिला अध्यक्ष रक्षा भंडारी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में हो रही प्रगति पर चर्चा की।
केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाएं
वक्ताओं ने जन धन योजना, मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना और स्टार्टअप इंडिया जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि ये योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
यह भी कहा गया कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय के विकास और स्वाभिमान से जुड़ा एक राष्ट्रीय संकल्प है।
इस अभियान का लक्ष्य समाज के हर वर्ग तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, कार्यकर्ताओं और महिलाओं ने भाग लिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का संकल्प लिया।
विरोध प्रदर्शन का भविष्य
हालांकि, आत्मनिर्भर भारत के संदेश के बीच, माइंस आवंटन के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
यह घटना दर्शाती है कि स्थानीय जनभावनाएं कितनी प्रबल हैं और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं।
प्रशासन और संबंधित कंपनी के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे इस विरोध को कैसे संभालते हैं और ग्रामीणों की चिंताओं का समाधान कैसे करते हैं।
आंदोलनकारी ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
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