संजीवनी विवाद: मुख्यमंत्री गहलोत पर बिफरा प्रताप फाउंडेशन, कहा - रोलसाहबसर के नाम पर राजनीति अनुचित 

मुख्यमंत्री गहलोत पर बिफरा प्रताप फाउंडेशन, कहा - रोलसाहबसर के नाम पर राजनीति अनुचित 
अशोक गहलोत से चर्चा करते भगवान सिंह रोलसाहबसर और महावीर सिंह सरवड़ी
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श्री क्षत्रिय युवक संघ से जुड़े प्रताप फाउंडेशन के प्रमुख महावीर सिंह सरवड़ी ने सीएम को लिखे पत्र में इस बात पर एतराज जताया है कि राजनीतिक मकसद से वह संघ प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर के नाम पर बयानबाजी कर गरिमामय व्यवहार नहीं कर रहे।

बीते कई महीनों से संजीवनी घोटाले के बहाने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर आग बबूला हो रहे सीएम अशोक गहलोत को प्रताप फाउंडेशन ने तीन पेज की चिट्ठी लिख करारा जवाब थमा दिया है।

श्री क्षत्रिय युवक संघ से जुड़े प्रताप फाउंडेशन के प्रमुख महावीर सिंह सरवड़ी ने सीएम को लिखे पत्र में इस बात पर एतराज जताया है कि राजनीतिक मकसद से वह संघ प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर के नाम पर बयानबाजी कर गरिमामय व्यवहार नहीं कर रहे। पत्र में कहा गया है कि रोलसाहबसर राजनितिक पटल पर व्यक्तिगत उद्देश्यों को साधने के प्रथम दृष्टया अपवित्र और तुच्छ प्रक्रम में भागीदार नहीं बन सकते,इसलिए गहलोत द्वारा दूरभाष पर किये गए आग्रह को स्वीकार नहीं कर सकते। 

प्रताप फाउंडेशन ने यह प्रतिक्रिया बीते 2 जून को बाड़मेर में गहलोत द्वारा उस  बयान के संदर्भ में जाहिर की है ,जिसमे गहलोत ने कहा था कि "संजीवनी प्रकरण में रोलसाहबसर की मजबूरियां रही होंगी ,जिसकी वजह से वह बात नहीं कर पा रहे।

" सरवड़ी ने इस पत्र में इससे पहले एम्फ़ोर्ट प्रकरण के बहाने  स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के खिलाफ रचे गए सियासी षड्यंत्र और मारवाड़ के दो बड़े राजनितिक घरानों (मदेरणा और बिश्नोई परिवार) के खिलाफ एक आपराधिक घटना के बहाने रची गयी साजिश भी याद दिलाई है। साथ ही कहा है कि बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ को भी इसी तरह एक प्रकरण में फंसाने की सुनियोजित साजिश रच उनके राजनितिक जीवन को खत्म करने की साजिश की गयी थी। पत्र में इशारों ही इशारों में सचिन पायलट के खिलाफ रची जा रही सियासी साजिश की और भी इशारा किया गया है। सरवड़ी ने लिखा है -"वर्तमान में आपके ही दल के एक युवा राजनेता को किस प्रकार राजनीतिक नेपथ्य में भेजने के लगातार पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। "

गुस्साए अंदाज में लिखी चिट्ठी में सीएम गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत की तरफ इशारा करते हुए   सरवड़ी ने लिखा है कि प्रदेश में संजीवनी जैसे अनेक प्रकरणों के होते हुए संजीवनी केस को माध्यम बनाकर एक राजनेता विशेष द्वारा एक राजनेता विशेष के विरुद्ध  अनर्गल प्रलाप किया जा रहा है।

बीते चार सैलून से पूरे केस को दबाकर रखने का आरोप लगते हुए सरवड़ी ने कहा है कि ऐसा बयानबाजी कर गजेंद्र सिंह शेखावत के चरित्र हनन और राजनितिक भविष्य को प्रश्नगत करने के लिए ठीक वैसे ही किया जा रहा है,जैसा पहले राजेंद्र सिंह राठौड़ के साथ किया गया था। 

पत्र में इन्ही  तमाम तथ्यों के परिपेक्ष्य का हवाला देते हुए प्रताप फाउंडेशन प्रमुख ने कहा कि रोलसाहबसर आपके आग्रह को स्वीकार करने में असमर्थ हैं। पत्र में रोलसाहबसर के सामजिक जीवन का हवाला देते हुए गहलोत को चेतावनी की भाषा में निवेदन किया गया है कि राजनैतिक तौर  तरीकों में उनका (रोलसाहबसर ) नाम लेने से परहेज करें।

पत्र में सरवड़ी ने लिखा है कि आप राज्य के मुखिया हैं लिहाजा राजनितिक प्रतिस्पर्धी का चरित्र हनन  करने के बजाय संजीवनी पीड़ितों की धन वापसी के उपायों पर फोकस करें। 

रोलसाबसर और गहलोत के मित्रतापूर्ण व्यवहार का हवाला देते हुए प्रताप फाउंडेशन के प्रमुख ने कहा है कि मित्रता पूर्ण व्यवहार को भंग  करना गरिमामय ,स्तरीय और शोभनीय व्यवहार नहीं। पत्र में गहलोत से कहा गया है कि राजनैतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए आप चाहे जो करें ,रोलसाहब्सर को संलिप्त करने का बेजां  प्रयास नहीं करें। 

जानकारों के अनुसार प्रताप फाउंडेशन ने यह पत्र प्रदेश भर में श्री क्षत्रिय युवक संघ के स्वयंसेवकों में रोलसाहबसर का नाम उछालने से गहलोत  के प्रति उपजते गुस्से को भांपते हुए जारी किया है ,ताकि गहलोत और उनके बीच सामान्य शिष्टाचार की गुंजाइश बची रहे।

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