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गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी बड़ा बयान दे डाला है। अशोक गहलोत की सरका को कांग्रेस की एकजुटता ने बचाया था पार्टी के 102 विधायकों ने तब एकता का परिचय दिया था।
जयपुर | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के धौलपुर में दिए बयान के बाद अब राजस्थान की सियासत तेज हो गई है।
राजस्थान में चल रही सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की लड़ाई ने दिल्ली तक को हिला डाला है।
धौलपुर में सीएम गहलोत द्वारा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ और पायलट पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ मंगलवार को पायलट ने भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं।
पायलट ने अपनी ही सरकार के 11 मई से पैदल मार्च का ऐलान किया है जो अजमेर से शुरू होगा और जयपुर तक चलेगा।
इस बीच अब गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी बड़ा बयान दे डाला है।
खाचरियावास ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वसुंधरा राजे की भूमिका सरकार बचाने में थी या नहीं, ये मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं।
इसे लेकर मुख्यमंत्री ने बयान भी दे दिया और वो हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उस वक्त सरकार बचाने में वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की अहम भूमिका थी।
उन्होंने कहा कि जब-जब सरकार पर संकट आया है, तो सबसे आगे मैं खड़ा रहा हूं।
कांग्रेस के नेताओं ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी पर भरोसा जताया है। इसी के चलते राजस्थान सरकार बनी है और बची हुई है।
सोनिया गांधी ने रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल को यहां भेजा है, जिसके चलते सरकार बच पाई है।
एक बात सभी को समझनी होगी कि बिना राहुल और सोनिया गांधी के सरकार बच ही नहीं सकती।
अशोक गहलोत की सरका को कांग्रेस की एकजुटता ने बचाया था पार्टी के 102 विधायकों ने तब एकता का परिचय दिया था।
ऐसे में किसी को ये गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि सरकार उन्होंने बचाई है।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में बयान दिया था कि सरकार बचाने में पूर्व CM वसुंधरा राजे, कैलाश चौधरी और रानी कुशवाहा की सराहना की थी।
इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेता लगातार इस पर बयानबाजी कर रहे हैं, जो कि थम नहीं रही बल्कि और ज्यादा बढ़ती जा रही है।
ऐसे में लगता है कि, राजस्थान में चल रहा कांग्रेसी घमासान कहीं पंजाब जैसा रूप न ले ले।