Highlights
- राजस्थान के 17 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट।
- फतेहपुर में न्यूनतम तापमान -1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज।
- पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव।
- किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए सलाह।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) के 17 जिलों में भारी बारिश (heavy rain) और ओलावृष्टि (hailstorm) का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे तापमान (temperature) में गिरावट आई है और ठंड (cold) बढ़ गई है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर और मौसम विभाग का अलर्ट
राजस्थान में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जा रहा है, जिसके कारण राज्य के कई हिस्सों में मौसम में बड़ा बदलाव आया है।
मौसम विभाग ने 17 जिलों के लिए बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है।
यह अलर्ट विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान के जिलों के लिए है, जहाँ अगले कुछ दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है।
किन जिलों में है अलर्ट?
अलर्ट वाले जिलों में जयपुर, अजमेर, नागौर, सीकर, अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, झालावाड़ और प्रतापगढ़ शामिल हैं।
इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
ओलावृष्टि की संभावना
मौसम विभाग ने जयपुर, अजमेर, नागौर, सीकर और अलवर जैसे कुछ जिलों में ओलावृष्टि की भी संभावना जताई है।
ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है, जिसके लिए किसानों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि उनकी रबी की फसलें खेतों में खड़ी हैं।
तापमान में भारी गिरावट और शीतलहर
बारिश और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य भर में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
कई स्थानों पर पारा जमाव बिंदु के करीब या उससे नीचे चला गया है, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
प्रमुख शहरों का न्यूनतम तापमान
फतेहपुर में न्यूनतम तापमान -1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे कम रहा।
चूरू में न्यूनतम तापमान 0.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे यहाँ भी भीषण सर्दी का अनुभव हुआ।
सीकर में न्यूनतम तापमान 1.0 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 2.0 डिग्री सेल्सियस और भीलवाड़ा में 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जयपुर में भी न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिससे सुबह और रात में तेज ठंड महसूस हुई।
अन्य जिलों जैसे गंगानगर में 3.2 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 3.5 डिग्री सेल्सियस, उदयपुर में 4.0 डिग्री सेल्सियस और पिलानी में 4.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।
दिन के तापमान में भी कमी
न्यूनतम तापमान के साथ-साथ दिन के अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है।
दिन में भी ठंडी हवाएं चलने से लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है।
यह स्थिति राज्य में शीतलहर जैसी परिस्थितियों को जन्म दे रही है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
फसलों पर संभावित खतरा और किसानों के लिए सलाह
बारिश और ओलावृष्टि से रबी की फसलों जैसे गेहूं, चना, सरसों और जौ को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
विशेषकर ओलावृष्टि से खड़ी फसलों को भारी क्षति हो सकती है, जिससे किसानों की आय पर सीधा असर पड़ेगा।
फसल सुरक्षा के उपाय
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को अपनी फसलों को पाले और ओलावृष्टि से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी है।
खेतों में हल्की सिंचाई करने से पाले का असर कम होता है, जिससे फसलों को बचाया जा सकता है।
फसलों को ढकने या धुआं करने जैसे पारंपरिक तरीके भी अपनाए जा सकते हैं, खासकर संवेदनशील फसलों के लिए।
किसानों को मौसम विभाग की सलाह पर ध्यान देने और उसके अनुसार कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।
आगामी दिनों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर 27 जनवरी तक जारी रहने की संभावना है।
इसके बाद 28 और 29 जनवरी से मौसम साफ होने और धूप निकलने की उम्मीद है।
कब तक रहेगा मौसम खराब?
27 जनवरी तक राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या बूंदाबांदी जारी रह सकती है।
हालांकि, 28 जनवरी से न्यूनतम तापमान में फिर से बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है।
इसके बावजूद, अगले कुछ दिनों तक लोगों को ठंड से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी और गर्म कपड़ों का उपयोग करना होगा।
यह मौसम बदलाव राज्य के पर्यटन और दैनिक गतिविधियों पर भी असर डाल रहा है।
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