राघव चड्ढा ने डिलीवरी बॉय संग किया लंच: AAP सांसद राघव चड्ढा ने डिलीवरी बॉय को घर बुलाया: साथ में लंच किया और संसद में उठाया गिग वर्कर्स का मुद्दा

AAP सांसद राघव चड्ढा ने डिलीवरी बॉय को घर बुलाया: साथ में लंच किया और संसद में उठाया गिग वर्कर्स का मुद्दा
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Highlights

  • राघव चड्ढा ने डिलीवरी एजेंट को दिल्ली स्थित अपने आवास पर लंच के लिए आमंत्रित किया।
  • सांसद ने संसद के शीतकालीन सत्र में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के अधिकारों की बात की थी।
  • डिलीवरी एजेंट ने सोशल मीडिया पर 15 घंटे काम के बाद कम कमाई का वीडियो साझा किया था।
  • राघव चड्ढा ने 10 मिनट डिलीवरी कल्चर को खत्म करने और वर्कर्स को सुरक्षा देने की मांग की।

नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने हाल ही में एक सराहनीय पहल करते हुए एक डिलीवरी एजेंट को अपने घर लंच पर बुलाया। यह मुलाकात उस समय हुई जब राघव चड्ढा ने संसद में गिग वर्कर्स और डिलीवरी एजेंट्स की दयनीय स्थिति पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखी थी। राघव चड्ढा ने इस मुलाकात के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे जमीनी स्तर पर काम करने वाले इन लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं।

सोशल मीडिया वीडियो से हुई शुरुआत

राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो देखा था जिसमें एक डिलीवरी एजेंट ने अपनी आपबीती सुनाई थी। उस एजेंट ने बताया था कि उसने लगातार 15 घंटे काम किया और कुल 28 डिलीवरी पूरी कीं लेकिन इसके बदले उसे मात्र 763 रुपये की कमाई हुई। इस वीडियो ने सांसद का ध्यान खींचा और उन्होंने तुरंत अपनी टीम को उस एजेंट से संपर्क करने के निर्देश दिए। राघव चड्ढा ने महसूस किया कि यह केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं है बल्कि लाखों गिग वर्कर्स की कड़वी सच्चाई है।

घर पर लंच और समस्याओं पर चर्चा

सांसद की टीम ने डिलीवरी एजेंट को खोज निकाला और उसे राघव चड्ढा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आमंत्रित किया। राघव ने न केवल उसके साथ बैठकर भोजन किया बल्कि उसकी रोजमर्रा की चुनौतियों और समस्याओं को भी विस्तार से समझा। राघव चड्ढा ने इस बातचीत का वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी साझा किया है जिसमें वे एजेंट से उसकी कमाई और काम के घंटों के बारे में पूछते नजर आ रहे हैं। एजेंट ने बताया कि कैसे उसे पूरे दिन धूप और धूल में काम करना पड़ता है और इसके बावजूद उसे बहुत कम पैसे मिलते हैं।

संसद में उठाया गिग वर्कर्स का मुद्दा

संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान राघव चड्ढा ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने सदन में कहा था कि इन वर्कर्स की स्थिति आज के समय में दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर हो गई है। उन्होंने तर्क दिया कि डिलीवरी बॉय और राइडर्स भीषण गर्मी और ठंड में भी अपनी जान जोखिम में डालकर समय पर ऑर्डर पहुंचाते हैं लेकिन उन्हें उचित सम्मान और आर्थिक सुरक्षा नहीं मिल रही है। राघव ने कहा कि इन लोगों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह सामाजिक सुरक्षा और बीमा का लाभ मिलना चाहिए।

10 मिनट डिलीवरी कल्चर का विरोध

राघव चड्ढा ने संसद में 10 मिनट डिलीवरी के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने मांग की कि इस कल्चर को तुरंत बंद किया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्कर्स की जान को खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां इन वर्कर्स की मेहनत के दम पर अरबों डॉलर की वैल्यूएशन हासिल कर रही हैं और यूनिकॉर्न बन रही हैं लेकिन वर्कर्स आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यह साइलेंट वर्कफोर्स हर मौसम में काम करती है और कंपनियां इनकी मेहनत पर मुनाफा कमा रही हैं।

वर्कर्स के अधिकारों की लड़ाई

मुलाकात के बाद राघव चड्ढा ने आश्वासन दिया कि वे भविष्य में भी इन वर्कर्स की आवाज बनते रहेंगे। उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स भी अन्य कर्मचारियों की तरह सम्मान और सुरक्षा के हकदार हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए ठोस कानून बनाए जाएं ताकि उन्हें उनके जायज अधिकार मिल सकें और उनका शोषण बंद हो। राघव ने स्पष्ट किया कि 10 मिनट डिलीवरी जैसी होड़ में किसी की जान दांव पर नहीं लगनी चाहिए।

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