Highlights
- 11 कानूनों में कारावास की सजा समाप्त कर केवल आर्थिक जुर्माना।
- सरकारी भर्तियों की वेटिंग लिस्ट अब एक साल तक मान्य रहेगी।
- अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन की समय सीमा छह माह तक बढ़ाई गई।
- प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीति।
जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) की अध्यक्षता में राजस्थान (Rajasthan) कैबिनेट ने 11 कानूनों में जेल की सजा खत्म कर सिर्फ जुर्माने का प्रावधान किया है। भर्तियों की वेटिंग लिस्ट एक साल तक मान्य होगी और अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन का समय छह माह बढ़ाया गया है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने सहित कई बड़े फैसले लिए गए।
भर्तियों और अनुकंपा नियुक्ति में राहत
बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों में से एक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित है। पहले, मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के लिए 90 दिनों के भीतर आवेदन करना होता था। अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 180 दिन (छह माह) कर दिया गया है, जिससे आवेदकों को पर्याप्त समय मिल सकेगा।
इसी तरह, प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। अब प्रतियोगी परीक्षाओं की वेटिंग लिस्ट या अभ्यर्थियों के नामों की अनुशंसा 6 माह के स्थान पर एक वर्ष के भीतर की जा सकेगी। यह कदम उन हजारों युवाओं के लिए राहत लेकर आया है जो लंबे समय से वेटिंग लिस्ट में शामिल होने के बावजूद नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे।
ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
कैबिनेट ने प्रदेश में 'ईज ऑफ लिविंग' और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देने के लिए कई नई नीतियों और अध्यादेशों को भी मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य में व्यापार और जीवनयापन को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जन विश्वास अध्यादेश-2025
राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025 लाने का फैसला किया गया है। यह अध्यादेश विभिन्न कानूनों में छोटे-मोटे उल्लंघनों के लिए कारावास की सजा को समाप्त कर केवल आर्थिक जुर्माने का प्रावधान करेगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर बोझ कम होगा और लोगों को अनावश्यक परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
प्रवासी राजस्थानी नीति-2025: 'सुपर इकोसिस्टम'
प्रवासी राजस्थानियों के योगदान और राज्य के साथ उनके जुड़ाव को बढ़ाने के लिए प्रवासी राजस्थानी नीति-2025 को भी मंजूरी दी गई है। इस नीति का उद्देश्य राज्य के विकास में प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
इस नीति के तहत निवेश प्रक्रियाओं के तालमेल के लिए एक नॉन-रेजिडेंट राजस्थानी (एनआरआर) इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल का गठन किया जाएगा। साथ ही, राजस्थान फाउंडेशन चैप्टर्स में इन्वेस्टमेंट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो प्रवासियों को निवेश संबंधी सहायता प्रदान करेंगे। प्रवासियों के लिए 'ग्लोबल यूथ कनेक्ट', 'सेलिब्रेट राजस्थान' और 'डायस्पोरा फॉर डेवलपमेंट' जैसे नवाचार भी किए जाएंगे, जिससे उनका राज्य से भावनात्मक और आर्थिक जुड़ाव मजबूत होगा।
राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025
छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने और उनके लिए व्यापार के नए अवसर खोलने के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी गई है। यह नीति छोटे व्यापारियों को बड़े ट्रेड, लॉजिस्टिक नेटवर्क और 'ई-मार्केट' का मौका देगी।
इस पॉलिसी से राज्य में मौजूद 10.5 लाख रिटेल स्टोर्स और बाजारों को देखते हुए छोटे ट्रेडर्स को बाजार तक आसान पहुंच और लोन सुविधा उपलब्ध कराने के रास्ते खुलेंगे। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों को लोन पर सब्सिडी भी मिलेगी, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
राजस्थान पर्यटन नीति-2025: धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन को विकसित करने के लिए राजस्थान पर्यटन नीति-2025 का अनुमोदन किया गया है। इस नीति में धार्मिक पर्यटन मार्गों का विकास, वन और धार्मिक क्षेत्रों के आसपास पर्यटन हब विकसित करने का प्रावधान है।
नीति के तहत शौर्य सर्किट, बर्ड-वॉचिंग सर्किट, प्रोजेक्शन मैपिंग और लाइट-साउंड शो जैसे आकर्षण शामिल होंगे। पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रीपेड टैक्सी बूथ, ई-व्हीकल टूर, राजस्थान ट्रेवल कार्ड, होम-स्टे और पेइंग गेस्ट सुविधाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कॉल सेंटर, टूरिस्ट असिस्टेंस फोर्स, पैनिक बटन आधारित सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी और फीडबैक सिस्टम भी इस नीति का हिस्सा होंगे।
11 कानूनों में सजा खत्म, सिर्फ जुर्माना
कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक 11 कानूनों में कारावास की सजा को समाप्त कर केवल आर्थिक जुर्माने का प्रावधान करना है। यह कदम छोटे-मोटे अपराधों के लिए लोगों को जेल भेजने के बजाय उन्हें आर्थिक दंड देकर सुधार का अवसर प्रदान करेगा।
उदाहरण के तौर पर, पहले वन भूमि में मवेशी चराने पर 6 माह का कारावास या 500 रुपए जुर्माने का प्रावधान था। अब इस अपराध के लिए केवल आर्थिक जुर्माना ही लगेगा। इसी तरह, पेड़ काटने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर एक हजार रुपए कर दी गई है। बहीखाते, खाते या अन्य दस्तावेज निरीक्षण के लिए पेश न करने पर भी अब केवल अर्थदण्ड ही लगेगा, कारावास की सजा नहीं होगी। यह परिवर्तन नागरिकों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' को बढ़ाएगा और कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा।
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