Rajasthan Mausam: राजस्थान में कोल्ड-वेव का येलो अलर्ट, उत्तर भारत में पारा गिरा

राजस्थान में कोल्ड-वेव का येलो अलर्ट, उत्तर भारत में पारा गिरा
राजस्थान में बढ़ी ठिठुरन, उत्तर भारत में भी शीतलहर
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Highlights

  • उत्तरी हवाओं के कारण राजस्थान में ठिठुरन बढ़ी, चार जिलों में कोल्ड-वेव का येलो अलर्ट।
  • दिल्ली में न्यूनतम तापमान ने तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ा, वायु प्रदूषण भी गंभीर।
  • उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में शीतलहर की चेतावनी जारी।
  • अगले एक सप्ताह तक सर्दी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं, जनजीवन प्रभावित।

नई दिल्ली: उत्तरी हवाओं के कारण राजस्थान (Rajasthan) में ठिठुरन बढ़ गई है, जहां सीकर (Sikar), झुंझुनूं (Jhunjhunu), चूरू (Churu) और नागौर (Nagaur) में कोल्ड-वेव का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर भारत (North India) में भी ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ा है, जिससे दिल्ली (Delhi) सहित कई राज्यों में पारा सामान्य से नीचे गिर गया है।

राजस्थान में बढ़ी ठिठुरन और कोल्ड-वेव अलर्ट

उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं ने राजस्थान में सर्दी का सितम बढ़ा दिया है। जयपुर मौसम केंद्र ने राज्य के चार जिलों- सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नागौर में कोल्ड-वेव चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले एक सप्ताह तक मौसम इसी तरह ठंडा और शुष्क बने रहने का अनुमान है, जिससे लोगों को फिलहाल सर्दी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

पिछले 24 घंटों में, शेखावाटी बेल्ट (सीकर, चूरू, झुंझुनूं) के साथ-साथ नागौर, जोधपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों में शीतलहर का प्रभाव गहरा रहा। सुबह और शाम के समय बर्फीली हवाओं से ठिठुरन काफी बढ़ गई, जबकि दोपहर की धूप ने थोड़ी राहत दी। हालांकि, शाम ढलते ही ठंड में एक बार फिर तेजी आ गई और लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।

तापमान का हाल: कौन रहा सबसे ठंडा?

राजस्थान में न्यूनतम तापमान की बात करें तो सीकर के फतेहपुर में 5.2 डिग्री सेल्सियस और नागौर में 5.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो राज्य के सबसे ठंडे स्थान रहे। जोधपुर में इस सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज हुई, जहां न्यूनतम तापमान पहली बार 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंचकर 9.9 डिग्री सेल्सियस रहा। चित्तौड़गढ़ में 8.2 डिग्री सेल्सियस और उदयपुर में 8.5 डिग्री सेल्सियस के साथ इस सीजन की सबसे ठंडी रातें दर्ज की गईं।

राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान इस प्रकार रहा: जयपुर में 12 डिग्री सेल्सियस, अजमेर में 10 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 9 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 8.5 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 7.9 डिग्री सेल्सियस, करौली में 7.6 डिग्री सेल्सियस, दौसा में 6.4 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 15.1 डिग्री सेल्सियस और कोटा में 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

दिन के तापमान में भी गिरावट

शीतलहर के प्रभाव से केवल रात के तापमान में ही नहीं, बल्कि दिन के अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखी गई। बाड़मेर में अधिकतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस घटकर 31.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। सिरोही में दिन के समय भी सबसे अधिक ठंडक रही, जहां अधिकतम तापमान मात्र 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जिससे दिन में भी लोगों को सर्दी का अहसास हुआ।

इन जिलों में जारी है अलर्ट

मौसम विभाग ने 17 नवंबर को सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नागौर में कोल्ड-वेव का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, 18 नवंबर को विशेष रूप से सीकर में कोल्ड-वेव की चेतावनी दी गई है। उत्तरी हवाओं के लगातार चलने के कारण, मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल सर्दी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप और व्यापक असर

उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ गया है, जिससे दिल्ली सहित कई राज्यों में पारा सामान्य से काफी नीचे गिर गया है। पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी और वहां से आ रही ठंडी हवाओं के कारण मैदानी क्षेत्रों में ठिठुरन में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।

दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ ठंड और प्रदूषण की मार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड ने पिछले तीन सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। रविवार, 16 नवंबर को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो नवंबर महीने की सबसे सर्द सुबह रही। सोमवार, 17 नवंबर को भी न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है, जबकि अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में शीतलहर का असर साफ देखा जा रहा है। ठंड के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर इस समय गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में भी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बहुत खराब' से 'खतरनाक' श्रेणी में बना हुआ है, जिससे लोगों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं।

उत्तर प्रदेश का हाल

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है, जिससे शीतलहर जैसे हालात बनने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है और कुछ जगहों पर आंशिक शीतलहर का असर दिख सकता है। कानपुर, बनारस, प्रयागराज और लखनऊ जैसे गंगा किनारे के जिलों में सुबह और शाम शीतलहर का प्रकोप पड़ने की आशंका है, जिससे सुबह की सैर और शाम के समय बाहर निकलने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

बिहार में शीतलहर

बिहार राज्य में भी 17 नवंबर से तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने की संभावना है, जिससे ठंड का प्रचंड रूप देखने को मिलेगा। सीमांचल और मिथिलांचल के कई जिलों में सुबह के समय शीतलहर चलने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है।

मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में स्थिति

राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों में शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर की स्थिति देखी गई है, जो अगले 2-3 दिनों तक जारी रह सकती है। राजस्थान के कुछ जिलों में बारिश की संभावना भी जताई गई है, जिससे सर्दी और अधिक बढ़ सकती है। झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों में भी शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है, जिससे इन क्षेत्रों में भी लोगों को ठंड का सामना करना पड़ेगा।

पहाड़ी राज्यों का तापमान

पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी का सीधा असर मैदानी इलाकों में पड़ रहा है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 1.6 डिग्री सेल्सियस और हिमाचल प्रदेश के कुकुमसेरी में माइनस 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो अत्यधिक ठंड का संकेत है। उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भी न्यूनतम तापमान 4-6 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है, जिससे वहां भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

जनजीवन पर असर और आगामी मौसम पूर्वानुमान

ठंड बढ़ने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। सुबह और शाम के समय कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने और ठंड से बचाव के अन्य उपाय अपनाने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि वे ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। घने कोहरे के कारण यातायात और जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है, जिससे दृश्यता कम हो गई है और यात्रा करना मुश्किल हो गया है।

किसानों को भी आलू जैसी फसलों को नुकसान होने की आशंका है, क्योंकि अत्यधिक ठंड और पाला फसलों को क्षति पहुंचा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, केंद्रीय, पूर्वी और उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 2-3 दिनों तक न्यूनतम तापमान नीचे बना रहेगा। 17 नवंबर की रात को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन इसके गुजरते ही पारा फिर नीचे आएगा। 21 नवंबर के आसपास एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। हालांकि, उत्तर भारत में बारिश की कोई खास संभावना नहीं है, लेकिन दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे वहां के किसानों और निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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