Highlights
- घर बैठे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का अतिरिक्त शुल्क 5 से 20 गुना तक बढ़ा।
- जेल में बैठे व्यक्तियों के लिए रजिस्ट्री शुल्क केवल 50 रुपए पर स्थिर।
- दिव्यांगों के लिए घर बैठे रजिस्ट्री का शुल्क 100 रुपए ही रहेगा।
- घर बैठे रजिस्ट्री के लिए अब 5000 से 20000 रुपए तक अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में घर बैठे प्रॉपर्टी (Property) का रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाना अब महंगा हो गया है। सरकार ने अतिरिक्त चार्ज (Extra Charge) बढ़ाकर 10 हजार रुपए तक कर दिया है, जबकि जेल (Jail) में बैठे व्यक्ति से केवल 50 रुपए ही लिए जाएंगे।
राजस्थान सरकार ने घर बैठे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की सुविधा को महंगा कर दिया है। अब इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आम लोगों को पहले से 5 से 20 गुना अधिक शुल्क चुकाना होगा। यह बढ़ोतरी वित्त विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के बाद प्रभावी हुई है, जिससे आम जनता पर वित्तीय बोझ बढ़ने की संभावना है।
हालांकि, इस बढ़ोतरी से कुछ वर्गों को छूट दी गई है। जेल में बंद कैदियों और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए घर बैठे रजिस्ट्री करवाने का शुल्क पहले जितना ही रखा गया है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। यह फैसला विभिन्न सामाजिक-आर्थिक वर्गों पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखकर लिया गया है।
घर बैठे रजिस्ट्री की फीस क्यों बढ़ी?
वित्त विभाग ने सोमवार को इस संबंध में दरों में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। इससे पहले 8 फरवरी 2024 को घर बैठे रजिस्ट्री सुविधा के साथ-साथ रजिस्ट्री पर लगने वाले अतिरिक्त चार्ज की दरें तय की गई थीं। सरकार का मानना है कि इस सुविधा के बढ़ते उपयोग और प्रशासनिक लागत को देखते हुए शुल्क में वृद्धि आवश्यक थी।
यह कदम राज्य के राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से भी उठाया गया है। नई दरों के लागू होने से सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिसका उपयोग विभिन्न विकास परियोजनाओं में किया जा सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि इस बढ़ोतरी का प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की संख्या पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इनके चार्ज में नहीं हुआ बदलाव
जेल में बैठे कैदियों के लिए राहत
जेल में बंद कैदियों के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन करवाना अभी भी सस्ता है। यदि कोई कैदी अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाना चाहता है, तो रजिस्ट्री कर्मचारी जेल में जाकर यह प्रक्रिया पूरी करेंगे। इस सुविधा के लिए पहले भी 50 रुपए का ही शुल्क लगता था, जिसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह प्रावधान कैदियों को अपने कानूनी और संपत्ति संबंधी मामलों को निपटाने में मदद करता है।
सरकार ने इस वर्ग को राहत देकर एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है। जेल में रहते हुए संपत्ति संबंधी कार्य निपटाना अक्सर मुश्किल होता है, ऐसे में यह कम शुल्क उनके लिए एक बड़ी सुविधा है।
दिव्यांगों को भी पुरानी दरों पर सुविधा
जो व्यक्ति रजिस्ट्री दफ्तर जाने में सक्षम नहीं हैं, जैसे कि दिव्यांगजन, उनके लिए भी घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा पहले की तरह ही 100 रुपए के शुल्क पर उपलब्ध रहेगी। रजिस्ट्री कर्मचारी उनके घर जाकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करेंगे। पहले भी यह फीस 100 रुपए ही थी, जिसे बरकरार रखा गया है।
यह फैसला दिव्यांगजनों की सुविधा और पहुंच को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि शारीरिक अक्षमता के कारण किसी को भी संपत्ति के रजिस्ट्रेशन में अतिरिक्त वित्तीय बोझ या परेशानी का सामना न करना पड़े।
किसके लिए कितना बढ़ा चार्ज?
घर बैठे रजिस्ट्री के लिए पहले 1000 रुपए का अतिरिक्त चार्ज लगता था। अब इसे अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर फीस में 4 से लेकर 20 गुना तक की वृद्धि की गई है। यह बढ़ोतरी स्थान और दूरी के आधार पर तय की गई है।
सब रजिस्ट्रार क्षेत्र में घर बैठे रजिस्ट्री
यदि किसी व्यक्ति का घर सब रजिस्ट्रार के इलाके में है, तो घर बैठे रजिस्ट्री करवाने के लिए अब 5000 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह पहले के 1000 रुपए से पांच गुना अधिक है। इस श्रेणी में आने वाले लोगों को अब काफी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
सब रजिस्ट्रार क्षेत्र से बाहर घर बैठे रजिस्ट्री
अगर किसी का घर राजस्थान में है, लेकिन वह सब रजिस्ट्रार क्षेत्र की सीमा से बाहर आता है, तो उस व्यक्ति से 10 हजार रुपए अतिरिक्त फीस लेकर घर बैठे रजिस्ट्री की जाएगी। यह भी एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी है, जो दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रभावित करेगी।
राज्य से बाहर रहने वालों के लिए सुविधा
घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा राज्य से बाहर रहने वाले लोगों के लिए भी उपलब्ध है। ऐसे लोगों को अब 20 हजार रुपए की अतिरिक्त फीस देकर राजस्थान में अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने की सुविधा मिलेगी। इससे प्रवासी राजस्थानियों को अपनी संपत्ति संबंधी कार्यों को निपटाने में आसानी होगी, हालांकि अब उन्हें अधिक भुगतान करना होगा।
अन्य सेवाओं के शुल्क में भी वृद्धि
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त, कुछ अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं के शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है।
डॉक्यूमेंट डाउनलोड करने की फीस बढ़ी
इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम से कंप्यूटर जेनरेटेड मैप की सर्टिफाइड कॉपी डाउनलोड करने और अन्य दस्तावेजों की सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त करने के लिए अब 100 की जगह 200 रुपए लगेंगे। यह शुल्क दोगुना कर दिया गया है।
रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेज सर्च फीस
रजिस्ट्री ऑफिसर के किसी दस्तावेज या एंट्री की तलाश करने, इलेक्ट्रॉनिक मोड में सर्च करने और किसी दस्तावेज या एंट्री का निरीक्षण करने पर अब फीस 50 से बढ़ाकर 100 रुपए कर दी गई है। यह भी दोगुनी बढ़ोतरी है।
दस्तावेज स्कैनिंग शुल्क
रजिस्ट्री दस्तावेजों की कॉपी और स्कैनिंग पर अब 300 से बढ़ाकर 500 रुपए की फीस तय की गई है। यह बढ़ोतरी भी महत्वपूर्ण है और उन लोगों को प्रभावित करेगी जिन्हें अपने दस्तावेजों की स्कैन की हुई प्रतियां चाहिए होती हैं।
ई-पंजीयन सुविधा कैसे काम करती है?
कोई भी व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी से लेकर दूसरे दस्तावेजों की रजिस्ट्री घर बैठे करवा सकता है। इसके लिए ई-पंजीयन की वेबसाइट पर जाकर फीस जमा करवानी होती है। ऑनलाइन ही समय तय कर दिया जाता है। पैसा जमा होने के बाद निर्धारित समय पर रजिस्ट्री के कर्मचारी और अफसर घर जाकर रजिस्ट्री कर देते हैं। यह सुविधा पहले से मौजूद है, लेकिन अब इसकी फीस में बढ़ोतरी की गई है। यह डिजिटल सुविधा लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने से बचाती है, लेकिन अब इसके लिए अधिक कीमत चुकानी होगी।
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