Rajasthan: राजस्थान में प्रवासी राजस्थानियों के लिए अलग विभाग, 1.5 लाख रोजगार

राजस्थान में प्रवासी राजस्थानियों के लिए अलग विभाग, 1.5 लाख रोजगार
प्रवासी राजस्थानियों को अलग विभाग
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Highlights

  • प्रवासी राजस्थानियों के लिए अलग विभाग का गठन होगा।
  • ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 से 1.5 लाख रोजगार मिलेंगे।
  • राज्य में 6,000 करोड़ के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगेंगे।
  • दानदाताओं के नाम पर राजकीय महाविद्यालयों का नामकरण किया जाएगा।

जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रवासी राजस्थानियों (Non-Resident Rajasthanis) के लिए अलग विभाग बनाने का फैसला किया गया।

इसके साथ ही राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 (Rajasthan Global Capability Center Policy-2025) का भी अनुमोदन किया गया, जिससे 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के विकास और प्रवासी राजस्थानियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

पर्यटन विभाग अब अन्य राज्यों और विदेशों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों के लिए विशेष रूप से काम करेगा, जिससे उनका अपनी मातृभूमि से जुड़ाव और मजबूत होगा तथा वे राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।

प्रवासी राजस्थानियों के लिए नया विभाग: 'ब्रांड राजस्थान' को बढ़ावा

उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

यह नया विभाग प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच संवाद और सहयोग के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगा, जिससे बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा।

इस विभाग का मुख्य उद्देश्य विभिन्न सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से विश्व पटल पर 'ब्रांड राजस्थान' को बढ़ावा देना है।

यह विभाग न केवल प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ेगा बल्कि उन्हें राज्य के विकास में भागीदार बनने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।

प्रवासी राजस्थानी एसोसिएशंस के पंजीकरण के लिए एक विशेष पोर्टल का संचालन भी यह विभाग करेगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले साल प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव के दौरान ही इस विशेष विभाग की स्थापना की घोषणा की थी, जिसे अब मूर्त रूप दिया जा रहा है।

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025: डेढ़ लाख रोजगार के अवसर

कैबिनेट ने राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 का भी अनुमोदन किया है।

इस नीति का प्रमुख उद्देश्य राजस्थान को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर एक प्रमुख निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जिससे प्रदेश में अत्याधुनिक तकनीकी और व्यावसायिक कौशल का विकास हो सके।

मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत साल 2030 तक राज्य में 200 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

इन सेंटरों की स्थापना से प्रदेश में लगभग 1.5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे युवाओं के लिए नए रास्ते खुलेंगे।

सरकार जयपुर, उदयपुर और जोधपुर जैसे बड़े शहरों को जीसीसी हब के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है।

जीसीसी स्थापित करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और प्रोत्साहन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और राजस्थान वैश्विक व्यापार मानचित्र पर अपनी जगह बना सकेगा।

ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा निवेश: 15,600 करोड़ की परियोजनाएं और ऊर्जा सुरक्षा

उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कैबिनेट के एक और महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी दी। मंत्रिमंडल ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी (Joint Venture Company) के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

यह साझेदारी राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस संयुक्त उद्यम में RVUNL की हिस्सेदारी 26% और SCCL की हिस्सेदारी 74% होगी। यह कंपनी खदान स्थल पर 9,600 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना स्थापित करेगी।

इसके अतिरिक्त, राजस्थान में 6,000 करोड़ रुपये की लागत से 1500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं भी स्थापित की जाएंगी, जो अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

कुल मिलाकर, यह परियोजनाएं राज्य में 15,600 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश लाएंगी और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगी, जिससे औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

दानदाताओं का सम्मान: राजकीय महाविद्यालयों का नामकरण कर प्रोत्साहन

उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने दानदाताओं के सम्मान में दो राजकीय महाविद्यालयों के नामकरण को भी मंजूरी दी है।

सिरोही जिले में स्थित राजकीय महाविद्यालय, कालंद्री का नाम अब संघवी हीराचंदजी फूलचंदजी राजकीय महाविद्यालय, कालंद्री होगा। इसी प्रकार, राजकीय महाविद्यालय, कैलाश नगर का नाम मातुश्री पुरीबाई पुनमाजी माली टोरसो राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर किया जाएगा।

इस निर्णय से दानदाताओं का सम्मान बढ़ेगा और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा दानदाताओं को भी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

यह कदम राज्य सरकार की समाज सेवा और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे शिक्षा के बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया जा सके।

अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा: भूमि आवंटन और मजबूत ट्रांसमिशन नेटवर्क

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए बीकानेर जिले की पूगल तहसील के ग्राम करणीसर, भाटियान में 161.45 हेक्टेयर भूमि और चित्तौड़गढ़ जिले की रावतभाटा तहसील के ग्राम खरनाई में 356.25 हेक्टेयर भूमि को सशर्त कीमत पर आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान की है।

इसके अतिरिक्त, पावरग्रिड बाड़मेर-1 ट्रांसमिशन लिमिटेड को 765 केवी सबस्टेशन की स्थापना के लिए बाड़मेर जिले के सोखरु में 70.6 हेक्टेयर भूमि आवंटित किए जाने का भी निर्णय किया गया है।

इन महत्वपूर्ण निर्णयों से राज्य में अक्षय ऊर्जा से उत्पादित विद्युत का ट्रांसमिशन नेटवर्क मजबूत होगा, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों तक भी आमजन को सुगम और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। यह कदम राजस्थान को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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