राजस्थानी मांगे राजभाषा : राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता को लेकर खड़ा हो रहा है एक बड़ा आंदोलन

राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता को लेकर खड़ा हो रहा है एक बड़ा आंदोलन
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Highlights

  • शिक्षाविद राजवीर सिंह चलकोई के आव्हान पर सुबह से ही राजस्थान के युवाओ ने ट्विटर के जरिये अपनी बात सरकार तक पहुंचाई
  • #राजस्थानी_मांगे_राजभाषा पूरे भारत में टॉप ट्रेंडिंग में आ गया
  • जोधपुर से शुरू हुआ आंदोलन अब राजधानी जयपुर तक पहुंचा 

राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता को लेकर खड़ा हो रहा है एक बड़ा आंदोलन 

राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची के तहत संवैधानिक मान्यता देने को लेकर अब राजस्थान में एक बड़े आंदोलन की आहट सुनाई देने लगी है. इसी सिलसिले में आज राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार और शिक्षाविद राजवीर सिंह चलकोई के आव्हान पर सुबह से ही राजस्थान के युवाओ ने ट्विटर के जरिये अपनी बात सरकार तक पहुंचाई.

देखते ही देखते #राजस्थानी_मांगे_राजभाषा पूरे भारत में टॉप ट्रेंडिंग में आ गया. न केवल राजस्थान के युवा बल्कि राजनीती और समाज सेवा से जुड़े लोग भी इस मुहीम से जुड़ गए और मुहीम का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर हेंडल से ट्वीट कर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए छेड़ी गई मुहीम का समर्थन किया. 

जोधपुर से शुरू हुआ आंदोलन अब राजधानी जयपुर तक पहुंचा 

राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए गठित राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चलकोई के नेतृत्व ने छिड़ा यह आंदोलन जोधपुर से शुरू हुआ जो कि अब राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के दूसरे हिस्से में पहुँच गया है.

जोधपुर में एक बड़े कार्यक्रम के बाद राजस्थानी युवा समिति ने जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित जवाहर कला केंद्र में एक बड़ा कार्यक्रम किया जिसमे करीब सात हजार युवाओ ने राजस्थनी भाषा को मान्यता दिलाने की शपथ ली. जयपुर के बाद समिति इस मुहीम से लोगो को जोड़ने के लिए उदयपुर और अलवर में भी बड़े कार्यक्रम कर चुकी है.

राजस्थानी युवा समिति से जुड़े दिलीप चारण ने बताया कि इसी सिलसिले में कल जयपुर के शहीद स्मारक पर शाम को केन्डल मार्च निकालकर आंदोलन को तेज किया जाएगा साथ ही समिति का अगला बड़ा कार्यक्रम बीकानेर में आयोजित होगा. 

मुख्यमंत्री गहलोत से है बड़ी उम्मीद 

राजस्थानी भाषा आंदोलन से जुड़े युवाओ का कहना है कि उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूरी उम्मीद है कि आने वाले बजट सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने की दिशा में बड़ा कदम उठाएंगे  और करोडो कंठों की भाषा को उसका उचित सम्मान दिलवाएंगे.

गौरतलब है कि राजस्थानी युवा समिति इस विषय को लेकर प्रदेश के सत्ता पक्ष और विपक्ष के अनेक नेताओं से भी मिल चुकी है, जिनमे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सरकार में केबिनेट मंत्री बीड़ी कल्ला और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का नाम शामिल है.

समिति ने दावा किया है कि राजस्थान विधानसभा के ज्यादातर विधायक अपने लैटर हेड मुख्यमंत्री को लिखकर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने की वकालत कर चुके है. इससे पहले राजसमंद सांसद दिया कुमारी भी संसद में राजस्थानी भाषा का मुद्दा उठा चुकी है. 

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