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सचिन पायलट ने मंच पर से विशाल जनसैलाब के सामने गहलोत सरकार के खिलाफ मैदान-ए-जंग का ऐलान करते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो अब याचना नहीं रण होगा, जो बेहद भीषण होगा।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले आखिरकार सचिन पायलट ने अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ मैदान-ए-जंग का ऐलान कर दिया है।
सोमवार को अपनी 5 दिवसीय जनसंघर्ष यात्रा के समापन के दौरान जयपुर में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट बेहद आक्रामक नजर आए।
शायद ही आज से पहले सचिन पायलट को किसी ने इतने आक्रामक रूप में देखा होगा।
याचना नहीं रण होगा, जो बेहद भीषण होगा
सचिन पायलट ने मंच पर से विशाल जनसैलाब के सामने गहलोत सरकार के खिलाफ मैदान-ए-जंग का ऐलान करते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो अब याचना नहीं रण होगा, जो बेहद भीषण होगा।
प्यार से मांगो तो हाथ काटकर दे देंगे
पायलट ने कहा कि मैं 36 कौम का नेता हूं। मैं किसी पद पर रहूं या ना रहूं, मैं राजस्थान की जनता की सेवा आखिरी सांस तक करता रहूंगा।
प्यार से मांगो तो हाथ काटकर दे देंगे। धमकाकर मांगोगे तो हम चुप रहने वाले नहीं है। आप नौजवानों के छालों की कसम मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।
राजनीति सिर्फ पद पर बैठने के लिए नहीं है, जो भी कुर्बानी देनी होगी तो मैं तैयार हूं।
पायलट की 3 मांग, गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम
- पायलट ने कहा कि मैं यह मांग करता हूं कि जो भी पेपर लीक से परेशान युवा है, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।
- आरपीएससी को बंद करके नई व्यवस्था कायम की जानी चाहिए। जान-पहचान और रिश्तेदारी में मेंबर बना देते हो। प्रिंटिग प्रेस, आरपीएससी और कोचिंग का जो जंजाल बना हुआ है, उसे ध्वस्त करना होगा।
- वसुंधरा राजे की सरकार में जो आरोप लगाए थे, उसकी स्तरीय जांच होनी चाहिए।
अब सरकार ने ये 3 मांगे नहीं मानी तो महीने के आखिरी में आंदोलन करूंगा। ये गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम है।