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कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर 29 मई को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में सीएम गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के अलावा सचिन पायलट को भी बुलाया गया है।
जयपुर | कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से फ्री होने के बाद अब कांग्रेस आलाकमान का ध्यान पूरी तरह से राजस्थान पर आ गया है।
राजस्थान में चल रही सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जंग को खत्म करने के लिए अब कांग्रेस आलाकमान बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पायलट के द्वारा सीएम गहलोत को दिए गए 15 दिन के अल्टीमेटम के अब सिर्फ 2 दिन शेष बचे हैं।
ऐसे में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस दोनों नेताओं के बीच चर रही खींचतान को खत्म करने के लिए जुटी हुई है।
इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर 29 मई को एक बैठक बुलाई है।
इस बैठक में सीएम गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के अलावा सचिन पायलट को भी बुलाया गया है।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत-सचिन पायलट जंग को सुलझाने के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है।
माना जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश को एक नया जाट डिप्टी सीएम भी मिल सकता है।
26 मई को एनवक्त पर टाल दी गई थी बैठक
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस आलाकमानों ने राजस्थान में चुनावों और गहलोत-पायलट को लेकर 26 मई को भी बैठक तय की थी, लेकिन अचानक यह बैठक टाल दी गई थी।
पायलट को बनाया जा सकता है प्रदेश अध्यक्ष
सूत्रों कि माने तो राजस्थान में सचिन पायलट की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस ने फॉर्मूला तैयार किया है, जिसके अनुसार, कांग्रेस पार्टी पायलट को फिर से प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है।
हालांकि ये बात भी सामने आ रही है कि इस फॉर्मूले को लेकर सीएम गहलोत खुश नहीं है। उनका मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जाट हैं और डोटासरा की उपस्थिति कांग्रेस को जाटों का समर्थन दिलाने का विकल्प है।
डोटासरा को बनाया जा सकता है डिप्टी सीएम!
ऐसे में अगर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाती है तो जाटों का हित साधने के लिए कांग्रेस आलाकमान गोविंद सिंह डोटासरा को डिप्टी सीएम नियुक्त कर सकते हैं।
क्या पायलट इस फॉर्मूले के लिए राजी हैं ?
जानकारी के अनुसार, इस बैठक में सचिन पायलट की तीनों मांगों पर भी मंथन होने वाला है। जिसमें पायलट से समझाइश और उनकी मांगों पर कार्रवाई करने की बात भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पायलट इस फॉर्मूले के लिए राजी हैं।
अब देखना ये है कि क्या कांग्रेस की 29 मई को होने वाली बैठक में राजस्थान का मसला सुलझता है या फिर सचिन पायलट आंदोलन की राह पकड़ते हैं।