Highlights
- सई बांध से जवाई बांध में पानी लाने की महत्वाकांक्षी योजना में भारी देरी।
- पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने सरकार की उदासीनता पर गहरी नाराजगी जताई।
- 100 करोड़ की यह परियोजना 15 सितंबर 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन 60% ही काम हुआ।
- लोढ़ा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया।
सिरोही: उदयपुर (Udaipur) के सई बांध (Sai Dam) से जवाई बांध (Jawai Dam) में पानी लाने की महत्वाकांक्षी योजना में देरी पर पूर्व विधायक संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) ने सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जताई है। यह परियोजना 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब तक केवल 60% काम हुआ है। दयपुर जिले की कोटड़ा तहसील में स्थित सई बांध से व्यर्थ बहकर गुजरात जा रहे पानी को पाली जिले के जवाई बांध में परिवर्तित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर सरकार की सुस्त गति को लेकर पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। रविवार को लोढ़ा ने सुमेरपुर के पूर्व प्रधान एवं कांग्रेस प्रत्याशी रहे हरिशंकर मेवाड़ा के साथ सई बांध का दौरा किया और योजना पर चल रहे कार्य का अवलोकन करते हुए सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया।
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने बताया कि वर्ष 2015 से 2020 के बीच सई बांध से लगभग 3000 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी व्यर्थ बहकर गुजरात चला गया, जिससे क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ। इस नुकसान को रोकने और पानी का सदुपयोग करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020 में करीब 100 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सई बांध की पौने तीन मीटर गहरी सुरंग को चार मीटर तक गहरा करना था। इससे व्यर्थ जा रहे पानी को अधिक मात्रा में जवाई बांध तक लाया जा सके, जिससे जवाई बांध में पहुंचने वाले पानी की मात्रा 34 एमसीएफटी से बढ़कर 75 एमसीएफटी तक होनी थी।
लोढ़ा ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट 15 सितंबर 2024 तक पूर्ण होना चाहिए था, लेकिन वर्तमान में इसका महज 60 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कार्य समय पर पूरा हो जाता तो इस वर्ष जवाई और सई बांध में उपलब्ध भरपूर पानी का अधिकतम उपयोग किया जा सकता था। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह संभावना है कि यह कार्य 2026 से पहले पूर्ण नहीं हो पाएगा, जिससे क्षेत्र के किसानों और आम जनता को इस योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया कि वे इस महत्वपूर्ण परियोजना को गंभीरता से लें। लोढ़ा ने प्रशासन और ठेकेदार को चुस्त-दुरुस्त कर कार्य में गति लाने का अनुरोध किया ताकि क्षेत्र के लोगों को समय पर इस योजना का लाभ मिल सके। इस दौरे के दौरान सहायक अभियंता (सिंचाई) आकांक्षा भी उपस्थित थीं, जिन्होंने कार्य की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सई बांध की मूल योजना और विस्तार
सई बांध, जो उदयपुर जिले की कोटड़ा तहसील में स्थित है, जवाई बांध का एक महत्वपूर्ण फीडर बांध है। यह बांध क्षेत्र की पेयजल और सिंचाई की आवश्यकताओं को पूरा करता है। मूल रूप से इस बांध का निर्माण वर्ष 1970 से 1978 के मध्य हुआ था। इसकी मूल लंबाई 951.20 मीटर और ऊंचाई 8.25 मीटर थी, जिसकी सकल क्षमता 1106.58 एमसीएफटी थी।
वर्ष 2006-08 में बांध का विस्तार किया गया, जिसके बाद इसकी ऊंचाई बढ़ाकर 10.93 मीटर और क्षमता 1618.47 एमसीएफटी कर दी गई। बांध का जलग्रहण क्षेत्र 331.52 वर्ग किलोमीटर है। यहां से हर वर्ष जुलाई से जनवरी माह के बीच 6.776 किलोमीटर लंबी सुरंग के माध्यम से पानी जवाई बांध तक पहुंचाया जाता है। सुरंग की मौजूदा क्षमता 305 क्यूसेक है।
राज्य सरकार ने 28 अक्टूबर 2020 को सुरंग की क्षमता को 305 क्यूसेक से बढ़ाकर 855 क्यूसेक करने के लिए 8658.30 लाख रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी। इस कार्य को भी 15 सितंबर 2024 तक पूर्ण किया जाना था, लेकिन जैसा कि पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने बताया, अभी तक केवल 60 प्रतिशत कार्य ही संपन्न हो पाया है। यह देरी क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, खासकर ऐसे समय में जब जल संरक्षण और प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है।