सिरोही | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 17 दिसंबर को जयपुर में आयोजित रैली के लिए प्रदेशभर से लोगों को लाने के लिए रोडवेज बसों के इस्तेमाल पर पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस फैसले को आम जनता की परेशानियों को नजरअंदाज कर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का गंभीर मामला बताया है।
संयम लोढ़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीएमओ, सीएमओ, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को टैग करते हुए इस व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) के प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा से फोन पर बातचीत कर अपनी नाराजगी जताई।
लोढ़ा का कहना है कि सरकारी संसाधनों का इस तरह राजनीतिक रैलियों के लिए उपयोग करना पूरी तरह अनुचित है। इससे रोजमर्रा के यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार बिना जनता के हितों को ध्यान में रखे, केवल अपनी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है। सिरोही और आबूरोड के कई नागरिकों ने फोन कर बताया कि उन्हें यात्रा के लिए बसें नहीं मिल रही हैं।"
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक श्री पुरुषोत्तम शर्मा से फोन पर बातचीत कर प्रधानमंत्री @narendramodi जी की जयपुर में आयोजित रैली में रोडवेज की सरकारी सैकड़ों बसों को लगाने पर गंभीर नाराज़गी प्रकट की और कहां कि इससे आम नागरिकों को बेहद तकलीफ हुई हैं और हो रही हैं।… pic.twitter.com/mJedjma4wI
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) December 16, 2024
रोडवेज के प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने जानकारी दी कि यह फैसला राज्य सरकार के निर्देशों पर लिया गया है। राजस्थानभर से करीब 600 सरकारी बसें जयपुर भेजी जा रही हैं, जिससे रोजाना रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
लोढ़ा ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह जनता की तकलीफों को समझते हुए रोडवेज बसों के इस्तेमाल को रोकने के लिए तुरंत उचित निर्देश जारी करे। उन्होंने कहा कि "राजनीतिक आयोजनों के लिए इस प्रकार सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करना और आम जनता को तकलीफ में डालना पूरी तरह अनुचित है।"
यह मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, और नागरिक सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।