राजस्थान : झालावाड़ में स्कूल की बिल्डिंग गिरी, 7 बच्चों की मौत

झालावाड़ में स्कूल की बिल्डिंग गिरी, 7 बच्चों की मौत
School building collapses in Jhalawar, Rajasthan: 5 children dead, over 30 injured
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ग्रामीणों की मदद से चला रेस्क्यू ऑपरेशन, सरकार ने जांच के आदेश दिए 

अकलेरा (झालावाड़), 25 जुलाई 2025 | झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक स्थित पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का एक हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया। इस हादसे में 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ, जब 7वीं कक्षा के सभी छात्र अपनी कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। तभी अचानक एक तेज धमाके जैसी आवाज आई और स्कूल की दीवारें ढह गईं। मलबे में दर्जनों बच्चे और कुछ शिक्षक दब गए। ग्रामीणों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया।

रेस्क्यू में जुटे गांव वाले और टीचर
घटना के तुरंत बाद ग्रामीण और स्कूल स्टाफ मौके पर पहुंचे और बच्चों को मलबे से बाहर निकालने लगे। करीब एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी बच्चों को बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत मनोहरथाना अस्पताल पहुंचाया गया।

अब तक 5 मृतक बच्चों की पहचान
हादसे में पायल (14) पुत्री लक्ष्मण, प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल, कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद, हरीश (8) पुत्र बाबूलाल, मीना रेदास की जान गई है। एक बच्चे की पहचान नहीं हुई है।

9 घायल झालावाड़ रेफर

वहीं, कुंदन (12) पुत्र वीरम, मिनी (13) पुत्र छोटूलाल, वीरम (8) पुत्र तेजमल, मिथुन (11) पुत्र मुकेश, आरती (9) पुत्री हरकचंद, विशाल (9) पुत्र जगदीश, अनुराधा (7) पिता लक्ष्मण
राजू (10) पुत्र दीवान, शाहीना (8) पुत्र जगदीश को झालावाड़ रेफर किया गया है।

11 बच्चे जिला अस्पताल रेफर
मनोहरथाना अस्पताल के डॉक्टर कौशल लोढ़ा ने बताया कि 35 घायल बच्चों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से 11 की हालत गंभीर है और उन्हें झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है। कई बच्चों के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आई हैं।

सरकार ने इलाज और जांच का भरोसा दिलाया
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सभी घायलों का इलाज राज्य सरकार के खर्चे पर कराया जाएगा। इसके साथ ही इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेजी गई है।

घटनास्थल पर बिखरा सामान, गूंजती रही चीखें
हादसे के बाद स्कूल परिसर में बच्चों की किताबें, बैग, जूते-चप्पल और टिफिन बिखरे पड़े थे। ग्रामीणों ने बताया कि दृश्य बेहद भयावह था। बच्चों की चीखें और मलबे के नीचे दबे मासूमों की कराह सुनकर हर किसी का दिल दहल गया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर व्यापक प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

अब सबसे बड़ा सवाल—कब सुधरेंगी स्कूल भवनों की हालत?
इस हादसे ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों की जर्जर होती इमारतों और शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या इस दर्दनाक हादसे के बाद कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, या फिर एक और घटना केवल आंकड़ों में दर्ज होकर रह जाएगी?

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