Highlights
-
जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप – परिजनों का कहना है कि जिंदा बालिका को मृत घोषित कर दिया गया।
-
दो बार अस्पताल जाने के बाद भी मृत बताया – परिजन निजी अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि बालिका की मौत कुछ देर पहले ही हुई थी।
-
परिजनों का आक्रोश – परिजनों ने हंगामा कर जिला अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
-
अव्यवस्थाओं पर सवाल – आए दिन सामने आ रही खामियों के चलते जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली कटघरे में है।
सिरोही। जिला अस्पताल में शनिवार को एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया। अणगौर गांव की एक बालिका की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और ड्यूटी डॉक्टर पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि जीवित बालिका को मृत घोषित कर दिया गया, जिससे समय रहते सही उपचार नहीं मिल पाया।
परिजनों का आरोप – जिंदा को मृत बताया गया
जानकारी के अनुसार, अणगौर निवासी नीतुकुमारी (पुत्री सवाराम मेघवाल) को शनिवार सुबह सांप ने काट लिया। घबराए परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने बालिका को मृत घोषित कर दिया।
परिजन शव लेकर घर लौट आए और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान बालिका के शरीर में हलचल दिखाई दी। परिजन तुरंत एक नर्सिंगकर्मी के पास पहुंचे, जिसने बालिका को फिर से अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
दूसरी बार भी अस्पताल ने किया मृत घोषित
बालिका को वापस जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां भी ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत ही बताया। इसके बाद परिजन निजी अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने कहा कि बालिका की मौत कुछ देर पहले ही हुई है। इससे परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने जिला अस्पताल में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
परिजनों ने जताया आक्रोश
परिजनों का कहना था कि यदि सही समय पर बालिका की ठीक से जांच और इलाज किया जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि “ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली।”
जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर उठे सवाल
यह कोई पहला मामला नहीं है जब जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए हों। आए दिन लापरवाही और अव्यवस्थाओं की शिकायतें सामने आती रहती हैं। इस घटना ने एक बार फिर अस्पताल की व्यवस्था और मरीजों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।