Highlights
- नकली मावे के दोषियों को बचाने का आरोप।
- खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमीत गोदारा ने कार्रवाई के निर्देश दिए।
- दो माह पहले बाहरीघाटा में जब्त हुआ था 160 किलो नकली मावा।
- सीएमएचओ ने अपील दायर होने की बात कही।
सिरोही: सिरोही (Sirohi) में नकली मावे (fake mawa) के दोषियों को बचाने का आरोप लगा है। भाजपा पदाधिकारी महिपाल चारण (Mahipal Charan) ने खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमीत गोदारा (Sumeet Godara) को अवगत कराया, जिन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
नकली मावे के दोषियों को बचाने का आरोप
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के दौरान पकड़े गए नकली मावे के मामले में संबंधित दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, ऐसा गंभीर आरोप सामने आया है।
इस पूरे प्रकरण से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमीत गोदारा को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया है।
मंत्री ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को समुचित कार्रवाई किए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
दो माह पहले जब्त हुआ था नकली मावा
मामले के अनुसार, लगभग दो माह पूर्व बाहरीघाटा क्षेत्र में एक बस से बीकानेर से आया हुआ 160 किलो मावा बरामद किया गया था।
इस जब्त किए गए मावे के नमूने तुरंत भरे गए और उन्हें विस्तृत जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया था।
जांच रिपोर्ट में यह नमूना फेल हो गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मावा नकली था।
हालांकि, नमूना फेल होने के बावजूद भी दोषी व्यक्तियों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
भाजपा पदाधिकारी महिपाल चारण ने सिरोही आगमन पर आपूर्ति मंत्री को इस पूरी स्थिति की जानकारी दी।
दोषियों पर कार्रवाई न होने का सवाल
भाजपा नगर के पूर्व मंडल अध्यक्ष महिपाल चारण ने खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमीत गोदारा को बताया कि गत 5 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाहरीघाटा में यह 160 किलो मावा जब्त किया था।
जानकारी में सामने आया कि यह नकली मावा सिरोही और जावाल के स्थानीय विक्रेताओं को सप्लाई होना था।
नमूना रिपोर्ट में मावा नकली पाया गया था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मंत्री ने नाम उजागर करने के निर्देश दिए
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, खाद्य आपूर्ति मंत्री ने तत्काल सीएमएचओ को फोन पर संपर्क किया।
उन्होंने सीएमएचओ को दोषी व्यक्तियों के नाम तुरंत सार्वजनिक करने के सख्त निर्देश दिए।
मंत्री ने विशेष रूप से कहा कि यह मावा कहां सप्लाई होना था, उन सभी प्रतिष्ठानों के नाम भी उजागर किए जाएं।
उल्लेखनीय है कि यह नकली मावा सिरोही में बीकानेर मावा भंडार और जावाल में खेतेश्वर स्वीट भंडार को सप्लाई किया जाना था।
जब्त किए गए मावे को तो नष्ट करवा दिया गया था, लेकिन इन प्रतिष्ठानों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।
सीएमएचओ का पक्ष: "अपील के फैसले का इंतजार"
डॉ. दिनेशकुमार खराड़ी, सीएमएचओ, सिरोही ने इस संबंध में अपना पक्ष रखा है।
उन्होंने बताया कि मावे के नमूने फेल होने के बाद नियमानुसार एडीएम कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया जाता है।
डॉ. खराड़ी ने आगे स्पष्ट किया कि संबंधित लोगों ने इस मामले में अपील दायर कर दी थी।
उन्होंने कहा कि उस अपील का अंतिम फैसला आने के बाद ही आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा सकेगी।