Highlights
- सोनम वांगचुक को जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया.
- लेह में इंटरनेट बंद और कर्फ्यू जारी है.
- हिंसा में 4 युवाओं की मौत, 80 लोग घायल हुए.
- वांगचुक की संस्थाओं पर विदेशी फंडिंग की जांच हो रही है.
जोधपुर. लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर जोधपुर सेंट्रल जेल (Jodhpur Central Jail) ले जाया गया. सरकार ने उन्हें लेह (Leh) में हुई हिंसा का जिम्मेदार माना है.
गिरफ्तारी और आरोप
उनकी गिरफ्तारी किस मामले में हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं है. सरकार ने उन्हें लेह में हुई हिंसा का मुख्य जिम्मेदार ठहराया है.
लेह में इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं. 24 सितंबर की हिंसा के बाद से कर्फ्यू जारी है.
स्कूल और कॉलेज शनिवार तक बंद रखने का आदेश है. यह स्थिति शहर में तनावपूर्ण माहौल को दर्शाती है.
हिंसा का कारण और परिणाम
लेह को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग है. इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग भी की जा रही है.
इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसमें चार युवाओं की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई.
लगभग 80 लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. अब तक 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी थी. सीआरपीएफ की गाड़ी को भी निशाना बनाकर जलाया गया.
वांगचुक पर सरकारी कार्रवाई
गृह मंत्रालय ने वांगचुक की एक संस्था पर कार्रवाई की है. SECMOL का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.
यह पाया गया कि संस्था ने फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया. विदेशी अनुदान के लिए FCRA के तहत पंजीकरण आवश्यक है.
सीबीआई ने उनकी दूसरी NGO HIAL के खिलाफ भी जांच शुरू की है. यह जांच भी विदेशी फंडिंग (FCRA) के मामले में है.
HIAL पर विदेशी चंदा कानून के उल्लंघन का आरोप है. सीबीआई टीम एनजीओ के खातों की जांच कर रही है.
सोनम वांगचुक का पक्ष
वांगचुक ने सीबीआई जांच के दायरे पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पुराने रिकॉर्ड भी देखे जा रहे हैं.
पहले स्थानीय पुलिस ने उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. एक पुरानी शिकायत भी फिर से खोली गई है.
यह शिकायत मजदूरों को वेतन न देने के आरोप से संबंधित है. सरकार ने HIAL को दी गई जमीन का पट्टा रद्द कर दिया.
सरकार का कहना है कि लीज की रकम जमा नहीं की गई. वांगचुक के पास दस्तावेज हैं जो इसके विपरीत हैं.
उन्हें आयकर विभाग से भी नोटिस मिले हैं. सीबीआई जांच अभी भी जारी है.
'GenZ Revolution' शब्द पर विवाद
लेह हिंसा के बाद वांगचुक ने GenZ Revolution शब्द का प्रयोग किया था. उन्होंने ट्विटर पर इस शब्द का इस्तेमाल किया.
एक रिपोर्टर ने प्रेस कांफ्रेंस में उनसे इस बारे में पूछा. वांगचुक ने पहले इससे इनकार किया.
रिपोर्टर ने वीडियो का अंश सुनाया, जिसके बाद उनकी आवाज लड़खड़ा गई. यह घटना काफी चर्चा में रही है.
हिंसा कैसे भड़की?
आंदोलनकारियों ने सोशल मीडिया का उपयोग कर भीड़ जुटाई. 23 सितंबर की रात लद्दाख बंद का आह्वान किया गया.
लोगों से लेह हिल काउंसिल पहुँचने की अपील की गई. बड़ी संख्या में लोग वहाँ इकट्ठा हुए.
लेह हिल काउंसिल के सामने बैरिकेड्स लगाए गए थे. पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस छोड़ी.
लेकिन भीड़ ने पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी. इसके बाद बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ भी हुई.
आगे की राह और मांगें
सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक 6 अक्टूबर को होगी. यह बैठक दिल्ली में आयोजित की जाएगी.
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग प्रमुख है. यह मुद्दा 2019 से उठा हुआ है.
2019 में अनुच्छेद 370 हटाते समय लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना. सरकार ने तब पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था.
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