Highlights
भाजपा ने अपने 41 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जिसमें कई दिग्गजों के टिकट कटने के बाद उनका आरोप है कि उनका टिकट इसलिए काटा गया है क्योंकि वे वसुंधरा राजे के समर्थक हैं। ऐसे में प्रदेश में चुनावों से पहले ‘वसुंधरा नहीं, तो सत्ता नहीं’ जैसा माहौल बीजेपी के असंतुष्ट धड़े को जन्म दे रहा है।
जयपुर | Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले भले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) खामोश हो, लेकिन उनके समर्थक बिल्कुल भी शांत नहीं हैं।
भाजपा ने अपने 41 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जिसमें कई दिग्गजों के टिकट कटने के बाद उनका आरोप है कि उनका टिकट इसलिए काटा गया है क्योंकि वे वसुंधरा राजे के समर्थक हैं।
ऐसे में प्रदेश में चुनावों से पहले ‘वसुंधरा नहीं, तो सत्ता नहीं’ जैसा माहौल बीजेपी के असंतुष्ट धड़े को जन्म दे रहा है।
इसे राजनीतिक कूटनीति और शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर, वसुंधरा राजे के समर्थक उनकी सफलता के लिए मंदिर में हवन-यज्ञ आदि अनुष्ठान कर रहे हैं।
भगवान नरसिंह के मंदिर में राजे की सफलता के लिए यज्ञ
पूर्व सीएम राजे के समर्थकों ने धौलपुर में राजे परिवार के पूर्वजों द्वारा बनवाए गए भगवान नरसिंह के मंदिर में गुरुवार को हवन-यज्ञ किया।
इस दौरान पुरोहित और समर्थकों ने यज्ञ में आहुतियां देकर वसुंधरा राजे की राजनीतिक सफलता की कामना की है।
जानकारी में सामने आया है कि वसुंधरा राजे के आग्रह पर ही मंदिर के पुजारी और उनके समर्थकों ने यह धार्मिक अनुष्ठान किया।
वसुंधरा राजे समर्थकों ने उनका गुणगाण करते हुए कहा कि राजे के नेतृत्व में राजस्थान सदैव सफलता के शिखर पर रहा है।
हवन-पूजन कर प्रदेश एवं देश में शांति, भाईचारा एवं सुख-समृद्धि की कामना की गई।
20 सालों से झालरापाटन सीट पर हुकूमत
2003 से वसुंधरा राजे की झालरापाटन सीट पर हुकूमत जमी हुई है। झालावाड़ की झालरापाटन सीट पर राजे के बादशाहत खत्म करने वाला नेता अभी तक किसी भी पार्टी को नहीं मिल पाया है।
भले ही सियासी खबरों के अनुसार, राजे को इस बार पार्टी ज्यादा तवज्जों नहीं दे रही हो, लेकिन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राजे झालरापाटन से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
उनके खेमे के विधायक, पूर्व विधायक और नेता भी उन्हें तीसरी बार सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं।