Highlights
- अब संजीवनी घोटाले में एक नया ट्वीस्ट आ गया है
- गिरफ्तारी के डर से हाईकोर्ट की शरण में गए शेखावाटी के लिए एक दूसरी खबर भी राहत पहुंचाने वाली है
- हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आज वकील ने कोर्ट में साफ़ किया कि SOG की FIR में ना तो गजेन्द्र सिंह आरोपी है और ना ही उनका नाम किसी FIR में है
- क्या बेवजह घसीटा जा रहा है शेखावत को ?
संजीवनी सोसायटी घोटाले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह की तकरार दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इस पूरे मामले को ना केवल राजनितिक रूप दिया जा रहा है बल्कि अशोक गहलोत गजेन्द्र सिंह शेखावत पर लगातार हमलावर है.
मुख्यमंत्री जिस तरह से शेखावत पर इस मामले को लेकर आक्रामक बने हुए है उसे देखकर लगता है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत पर कोई बड़ी कार्यवाही होने वाली है. गिरफ्तारी के डर से शेखावत ने हाईकोर्ट की शरण भी ली तथा मामले की जाँच सीबीआई से करवाने की भी गुहार लगाई है. जिसमे सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज गजेन्द्र सिंह शेखावत को बड़ी राहत दी है.
अब आ गया एक नया ट्वीस्ट
मुख्यमंत्री के आरोपों के बीच अब संजीवनी घोटाले में एक नया ट्वीस्ट आ गया है. गिरफ्तारी के डर से हाईकोर्ट की शरण में गए शेखावाटी के लिए एक दूसरी खबर भी राहत पहुंचाने वाली है. शेखावत की याचिका पर सुनवाई के दौरान आज वकील ने जो जानकारी कोर्ट को दी है उसमे वकील ने कोर्ट को बताया है कि-
संजीवनी मामले में SOG द्वारा दर्ज की गई किसी भी FIR में गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम नहीं है. अब जबकि कसी भी FIR में गजेंद्र सिंह शेखावत आरोपी नहीं है तो उनकी गिरफ्तारी की कोई आशंका नहीं है.
CM कुछ अलग ही कह रहे है
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आज वकील ने कोर्ट में साफ़ किया कि SOG की FIR में ना तो गजेन्द्र सिंह आरोपी है और ना ही उनका नाम किसी FIR में है उसके बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले में गजेन्द्र सिंह शेखावत पर लगातार हमलावर बने हुए है और उन्हें आरोपों के केन्द्र में ला रहे है.
इस पूरे मुद्दे पर गहलोत और शेखावत के बीच तकरार इतनी बढ़ चुकी हुई कि गहलोत के आरोपों से परेशान होकर गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री पर मानहानी का मुकदमा भी दायर किया है.
तो क्या बेवजह घसीटा जा रहा है शेखावत को
अशोक गहलोत संजीवनी मामले में शेखावत पर जितने कॉन्फिडेंस के साथ बोलते है उसे देखकर लगता इस मामले में उनके पास कुछ पुख्ता सूचनाए हैं. लेकिन आज वकील के कोर्ट में पेश की गई जानकारी के बाद यह साफ़ हो गया कि गहलोत के दावे सब हवा हवाई है और शेखावत संजीवनी के किसी मामले में ना तो आरोपी है और ना ही उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
जिस तरह से गहलोत शेखावत पर हमलावर होते है वह इस बात की बागानी है कि इस मामले में CM तक भी सही सूचनाएँ नहीं पहुँच पा रही है.
शेखावत इसे राजनितिक द्वेषता बताते है
संजीवनी मामले में गहलोत के आरोपों को गजेन्द्र सिंह शेखावत एक राजनितिक द्वेषता बताते है और कहते है कि उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के बेटे को बड़े अन्तर से चुनाव हराया है. इसलिए मुख्यमंत्री उनसे राजनितिक द्वेषता रखते है और यही कारण है कि वे बेवजह संजीवनी घोटाले में उनका नाम घसीट रहे है.