Rajasthan: टोंक: डंपर पलटने से 4 की मौत, 3 भाइयों-भतीजे का एक साथ जनाजा

टोंक: डंपर पलटने से 4 की मौत, 3 भाइयों-भतीजे का एक साथ जनाजा
टोंक: डंपर हादसे में 4 की मौत, एक साथ जनाजा
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Highlights

  • टोंक में डंपर पलटने से तीन सगे भाइयों और उनके भतीजे की दर्दनाक मौत।
  • शुक्रवार को चारों का एक साथ जनाजा निकला, पूरा शहर गमगीन।
  • भतीजा सैफुद्दीन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, जिद करके ले जाया गया था।
  • हादसा बूंदी में जयपुर-कोटा नेशनल हाईवे 52 पर हुआ, डंपर का टायर फटने से पलटा।

टोंक: टोंक में डंपर पलटने से हुई दर्दनाक दुर्घटना में तीन सगे भाइयों और उनके भतीजे की मौत हो गई। शुक्रवार को एक साथ चारों का जनाजा उठा तो पूरे शहर में मातम छा गया।

यह हृदय विदारक घटना गुरुवार शाम उस समय हुई जब वे कोटा में एक रिश्तेदार के पोते की जन्मदिन पार्टी में जा रहे थे। इस हादसे ने पूरे परिवार और शहर को गहरे सदमे में डाल दिया है।

शहर में पसरा मातम: एक साथ उठा जनाजा

टोंक शहर में शुक्रवार सुबह लगभग 10 बजे तीन सगे भाइयों और उनके भतीजे का एक साथ जनाजा निकला। राज टॉकीज रोड स्थित विवेकानंद स्कूल के पीछे रहने वाले इस परिवार के घरों में चीख-पुकार मची हुई थी।

मोहल्ले के लोग मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते-देते खुद भी रो पड़े। सैकड़ों लोगों की भीड़ जनाजे के साथ मोतीबाग स्थित कब्रिस्तान के लिए रवाना हुई।

जामा मस्जिद में जनाजे की नमाज

रास्ते में जामा मस्जिद में जनाजे की नमाज अदा की गई। इसके बाद लोगों ने मुंह दिखाई की रस्म अदा की।

फिर तीनों भाइयों और भतीजे को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक (दफनाने की रस्म) किया गया। इस दौरान लोगों ने मिट्टी देने की रस्म भी अदा की, जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया।

कैसे हुआ दर्दनाक हादसा?

गुरुवार शाम करीब 5:30 बजे यह दर्दनाक हादसा बूंदी में जयपुर-कोटा नेशनल हाईवे 52 स्थित सिलोर पुलिया पर हुआ। मृतकों की क्रेटा कार पर बजरी से भरा एक डंपर पलट गया।

इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोग क्रेटा कार में सवार थे। इनमें से एक भाई ने खिड़की से कूदकर अपनी जान बचा ली, जबकि तीन सगे भाई और उनके एक भतीजे की डंपर के नीचे दबने से कार में ही मौत हो गई।

कोटा जा रहे थे जन्मदिन पार्टी में

परिजनों के अनुसार, यह परिवार कोटा में तीनों सगे भाइयों की मौसी के पोते के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने जा रहा था। खुशियों के लिए निकला यह सफर मातम में बदल गया।

गुरुवार रात करीब 9 बजे जैसे ही तीनों भाई और भतीजे का शव घर आया, पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई। रात भर रिश्तेदार और परिचित लोग मृतक के परिजनों को सांत्वना देते रहे।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

मृतक तीनों भाई फरीउद्दीन (45), अजीरूद्दीन (40) और मोइनुद्दीन (62) शादीशुदा थे। उनका भतीजा सेफुद्दीन (28) अविवाहित था और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।

इस हादसे में सेफुद्दीन के पिता वसीउद्दीन कार की खिड़की खुलने से बच गए, उन्हें केवल उंगली में मामूली चोट आई है।

जनवरी में बेटी की शादी की थी तैयारी

मृतक मोइनुद्दीन के दो बेटे और दो बेटियां हैं। इनमें से एक बेटा और एक बेटी की शादी हो चुकी थी।

परिवार जनवरी में दूसरी बेटी की शादी की प्लानिंग कर रहा था और उसकी तैयारियां भी चल रही थीं। लेकिन दिसंबर में ही पिता की मौत से परिवार में खुशियों की जगह मातम छा गया।

जिद करके ले गए थे भतीजे को

मृतक भाइयों के बहनोई विकार ने बताया कि भतीजा सैफुद्दीन घर पर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। वह सामाजिक कार्यक्रमों और बाजार में भी कम ही जाता था।

घरवाले उसे रिश्तेदारी में जाने के लिए कहते रहते थे। गुरुवार को भी परिजन सैफुद्दीन को बड़ी मुश्किल से जिद करके अपने साथ ले गए थे। उन्होंने कहा था कि रात में ही जन्मदिन मनाकर वापस आ जाएंगे, लेकिन रात को हुए हादसे में उसकी मौत हो गई।

मृतकों का परिचय और उनके कार्य

बहनोई ने बताया कि फरीउद्दीन प्रॉपर्टी का काम करते थे। अजीमुद्दीन टोंक शहर की राजकीय महात्मा गांधी स्कूल में शिक्षक थे।

मोइनुद्दीन गलीचे (कारपेट) बनाने का काम करते थे। वहीं, भतीजा सैफुद्दीन घरेलू काम में हाथ बंटाता था और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था।

हादसे की मुख्य वजह

जानकारी के अनुसार, तेज रफ्तार डंपर का आगे का टायर अचानक फट गया। इसके चलते डंपर असंतुलित होकर क्रेटा कार पर पलट गया।

एक व्यक्ति को छोड़कर कार में सवार चारों लोग डंपर और बजरी के नीचे दब गए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला जा सका।

डंपर का टायर फटने से हुआ था हादसा

डंपर और बजरी के नीचे दबने से क्रेटा कार पूरी तरह पिचक गई थी। हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

सिलोर पुलिया पर पलटे डंपर को क्रेन की सहायता से हटाया गया। कार को क्रेन से उठाने के साथ ही जेसीबी से बजरी को भी हटाया गया, ताकि शवों को बाहर निकाला जा सके।

एक सदस्य ने बचाई जान

इस भीषण हादसे में सेफुद्दीन के पिता वसीउद्दीन ने चमत्कारी रूप से अपनी जान बचा ली। वे कार की खिड़की खुलने से बाहर कूदने में सफल रहे, जिससे उन्हें मामूली चोटें ही आईं।

उनकी यह मामूली चोटें इस भयावह हादसे में एक बड़ी राहत मानी जा रही है, जबकि परिवार के अन्य चार सदस्यों की जान चली गई।

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