Highlights
- 15 दिसंबर से वीजा प्रक्रिया में सोशल मीडिया जांच शामिल।
- भारत में हजारों वीजा इंटरव्यू मार्च से मई तक के लिए टले।
- एच-1बी वीजा की फीस बढ़कर करीब 90 लाख रुपये हुई।
- 70% एच-1बी वीजा का लाभ भारतीय प्रोफेशनल्स को मिलता है।
JAIPUR | अमेरिका (America) के वॉशिंगटन डीसी (Washington DC) से आई खबर के अनुसार, अब एच-1बी (H-1B) और एच-4 (H-4) वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया (Social Media) प्रोफाइल की भी जांच की जाएगी। भारत (India) स्थित अमेरिकी दूतावास (US Embassy) ने अवैध इमिग्रेशन (Illegal Immigration) रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
अमेरिका ने वीजा आवेदकों की जांच प्रक्रिया को और अधिक कड़ा कर दिया है।
15 दिसंबर से लागू इस नियम के तहत अब आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
इंटरव्यू प्रक्रिया में बड़ी देरी
इस नए फैसले के कारण भारत में हजारों आवेदकों के इंटरव्यू टाल दिए गए हैं।
अब ये इंटरव्यू मार्च से मई तक के लिए रिशेड्यूल किए गए हैं।
इससे वे लोग परेशान हैं जो इंटरव्यू के लिए भारत आए थे और अब वापस नहीं जा पा रहे।
भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर
जारी होने वाले कुल एच-1बी वीजा में से 70% हिस्सा भारतीय प्रोफेशनल्स का होता है।
फीस में भारी बढ़ोतरी के बाद अब यह खर्च लगभग 90 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
भारतीय टैलेंट अब यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की ओर रुख कर सकता है।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड और नई श्रेणियां
डोनाल्ड ट्रम्प ने 'ट्रम्प गोल्ड कार्ड' जैसी नई वीजा श्रेणियां भी पेश की हैं।
8.8 करोड़ रुपये की कीमत वाले इस कार्ड से अमेरिका में स्थायी निवास का अधिकार मिलेगा।
इसके अलावा ट्रम्प प्लेटिनम और कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड जैसी सुविधाएं भी शुरू की गई हैं।
वीजा का दुरुपयोग रोकने की कोशिश
अमेरिकी दूतावास का कहना है कि यह कदम वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए है।
भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से लगातार बातचीत कर रही है ताकि पेशेवरों को राहत मिले।
राजनीति