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घमासान में एक-दूसरे पर खुल्लम-खुल्ला आरोप लगाने वाले भाजपा और कांग्रेस नेता शुक्रवार को एक साथ नजर आए। ये मौका था 15वीं विधानसभा के अंतिम सत्र का। जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक साथ चर्चा करते हुए नजर आए।
जयपुर | राजस्थान में चुनावी घमासान में एक-दूसरे पर खुल्लम-खुल्ला आरोप लगाने वाले भाजपा और कांग्रेस नेता शुक्रवार को एक साथ नजर आए।
ये मौका था 15वीं विधानसभा के अंतिम सत्र का। जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक साथ चर्चा करते हुए नजर आए।
विधानसभा के सदन में दोनों नेता बड़ी ही शालिनता से एक-दूसरे से बातचीत करते दिखे।
इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जो लोगों के लिए तो अचरज भरा है साथ ही सियासी गलियारों में भी हलचल पैदा कर रहा है।
बता दें कि राजस्थान विधानसभा का 8वां सत्र आज से शुरू हो गया है।
विधानसभा के इस सत्र में करीब 11 नए, संशोधित और पेंडिंग बिल पेश किए जाएंगे।
बता दें कि, विधानसभा का ये सत्र बेहद हंगामेदार होने के आसार है। चुनावी घमासान के बीच विपक्षी पार्टी कई मुद्दों पर गहलोत सरकार को घेरने के लिए हर तरह से तैयार बैठ है।
राजे और पायलट चर्चा करते हुए pic.twitter.com/UsGHASSXeI
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) July 14, 2023
कहीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की सीख तो नहीं आई काम
गौरतलब है कि आज महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी राजस्थान विधानसभा में अपने विशेष संबोधन में ’जनप्रतिनिधियों’ को बेहद अहम मंत्र दिया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि, ’जनप्रतिनिधि जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं। उनका आचार-विचार जनहित की दिशा में जनता के लिए होना चाहिए।
जनप्रतिनिधियों की सोच ’मैं’ और ’मेरा’ को छोड़कर ’हमारा’ होना चाहिए।
मैं और मेरा सोचने से देश और समाज का हित नहीं होता, इसलिए जनप्रतिनिधियों को हमेशा जनता के लिए, राज्य के लिए सोचना चाहिए।
ऐसे में लोगों को लगता है कि राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन में कहे गए ’मैं’ और ’मेरा’ को छोड़कर ’हमारा’ होना चाहिए.... का इन नेताओं पर भी प्रभाव पड़ा है। जिसके चलते इन्होंने भी अपने सियासी मतदभेदों को भूलकर राजस्थान की भलाई के लिए ये फैसला किया होगा।