सत्ता की देवी की शरण में राजे: वोटिंग के बाद वसुंधरा राजे पहुंची मां त्रिपुरा सुंदरी के दर

वोटिंग के बाद वसुंधरा राजे पहुंची मां त्रिपुरा सुंदरी के दर
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राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को प्रतापगढ़ स्थित गौतमेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की और इसके बाद बांसवाड़ा स्थित त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन को निकल गईं। 

बांसवाड़ा | राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जनता ने प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद कर दी है। अब चल रहा है तो सीटों का गणित। 

इसका खुलासा भी 3 दिसंबर को हो जाएगा, चुनावी रण में भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशियों में तो खलबली मची हुई है। 

अब चुनाव से फ्री होकर नेता अपने-अपने इष्ट देवों को मनाने में जुट गए हैं। 

इसी बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) भी मतदान संपन्न होते ही बांसवाड़ा स्थित मां त्रिपुरा सुंदरी के दर पर पहुंच गई हैं। 

रविवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सबसे पहले प्रतापगढ़ स्थित गौतमेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की और इसके बाद बांसवाड़ा स्थित त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन को निकल गईं। 

राजस्थान भाजपा की सियासी महारानी मानी जाने वाली राजे ने यहां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन कर मां का आशीर्वाद लिया।

फिर इसके बाद मेहंदीपुर बालाजी धाम के लिए निकल पड़ीं।

आपको बता दें कि पूर्व सीएम राजे की माता में बेहद ही अटूट आस्था है। जब भी चुनाव हुआ है राजे मतगणना वाले दिन मां त्रिपुरा सुंदरी के दर पर पहुंच जाती हैं। 

जब पूरी सियासी तस्वीर साफ होती है तब ही जयपुर का रूख करती हैं।  हालांकि, इस बार राजे मतदान के तुरंत बाद ही मां के दरबार में पहुंच गईं। 

मान्यता है कि मां के मंदिर में सत्ता पाने की कामना के लिए जो भी नेता आता है, उसकी मनोकामना मां अवश्य पूरी करती है। यही कारण है कि मां त्रिपुर सुंदरी को सत्ता वाली देवी भी कहा जाता है। 

भाजपा ने इस बार राजे का चेहरा नहीं किया आगे

आपको ये भी बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में वसुंधरा राजे का चेहरा सीएम फेस के तौर पर आगे नहीं किया, बल्कि पीएम मोदी और कमल के निशान पर ही वोट मांगे हैं। 

ऐसे में अब ये भी देखना होगा कि अगर राजस्थान में 3 दिसंबर को राज बदलता है तो क्या राजे को फिर से सीएम का ताज सौंपा जाएगा या फिर...।

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