वसुन्धरा ने बेणेश्वर से भरी हुंकार : कहा कोई भी लक्ष्य छोटा नहीं, राजस्थान की राजनीति में पुराने अंदाज में लौटीं वसुन्धरा राजे

कहा कोई भी लक्ष्य छोटा नहीं, राजस्थान की राजनीति में पुराने अंदाज में लौटीं वसुन्धरा राजे
Vasundhara raje in beneshwar dham pooja
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वसुन्धरा राजे ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि शौर्य और स्वाभिमान की भूमि वागड़ के बेणेश्वर धाम पहुंचकर श्री हरि मंदिर में दर्शन का पुण्य फल प्राप्त किया। वहीं यहां मंदिर प्रांगण में भ्रमण कर साधु-संतों का आशीर्वाद लिया तथा मंदिर कमेटी सदस्यों से भी मुलाकात की।

जयपुर | वसुन्धरा राजे ने वागड़ के प्रमुख तीर्थ स्थल बेणेश्वर धाम में दर्शन कर प्रदेश में एक बार फिर से राजनीतिक एंट्री ले ली है। मतलब साफ है कि वसुन्धरा राजे की वापसी सिर्फ बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर पोस्टर पर ही नहीं हुई है। बल्कि उन्होंने मिशन 2023 के तहत तैयारी प्रारंभ कर दी है।

तीन माह पूर्व उन्होंने झुंझुनूं के शाकम्भरी मंदिर में अर्चना की थी। वसुन्धरा राजे इसी अंदाज में अपने राजनीतिक कैम्पेन प्रारंभ करने के लिए जानी जाती रही हैं। बीते बीस साल की राजस्थान में राजनीति में वसुन्धरा राजे ने अपनी सभी राजनीतिक यात्राओं की शुरूआत धर्म स्थलों के दर्शन करके ही की है।

वसुन्धरा राजे ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि शौर्य और स्वाभिमान की भूमि वागड़ के बेणेश्वर धाम पहुंचकर श्री हरि मंदिर में दर्शन का पुण्य फल प्राप्त किया। वहीं यहां मंदिर प्रांगण में भ्रमण कर साधु-संतों का आशीर्वाद लिया तथा मंदिर कमेटी सदस्यों से भी मुलाकात की।

इस दौरान बेणेश्वर स्थित शिवालय, ब्रह्माजी मंदिर एवं श्री वाल्मीकि मंदिरों में भी पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

उन्होंने मेले में पधारे श्रद्धालुओं एवं दुकानदारों से मुलाकात के दौरान यहां एक आदिवासी बहन के निवेदन पर तीर-कमान भी आजमाया। सच बताऊं तो मनुष्य में साहस और विश्वास यदि परिपूर्ण हो तो उसके लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता।

वसुन्धरा राजे की यही अंतिम लाइन स्पष्ट है कि अब उनके लिए कोई लक्ष्य बड़ा नहीं है। और उन्होंने कमान पर तीर चढ़कर साफ कर दिया है कि प्रदेश की राजनीति में वे प्रत्यंचा खींच चुकी हैं। इससे पहले वसुन्धरा राजे का वागड़ दौरे पर आने को लेकर जगह—जगह स्वागत किया गया।

उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट से लेकर जड़ियाना मोड़, जयसमंद, खेराड़, सलूंबर, आसपुर, साबला सहित विभिन्न स्थानों पर उनका स्वागत किया गया।

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