Highlights
- सचिन पायलट दिल्ली में है और लगातार उम्मीद लगाए बैठे है कि अब कांग्रेस आलाकमान उन पर जल्दी ही कोई फैसला ले
- आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर होने वाली बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है
- रंधावा के यू-टर्न को पायलट के पक्ष में माना जा रहा है
- पायलट के अनशन के बाद मिले फीडबैक को देखकर रंधावा अब सचिन पायलट को लेकर सीरियस हो गए है
सचिन पायलट दिल्ली में है और लगातार उम्मीद लगाए बैठे है कि अब कांग्रेस आलाकमान उन पर जल्दी ही कोई फैसला ले. सचिन पायलट को लेकर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर होने वाली बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है और ना केवल सचिन पायलट बल्कि पायलट समर्थकों को भी उम्मीद है कि शायद कांग्रेस आलाकमान अब सचिन पायलट पर कोई जायज फैसला ले ले.
रंधावा के यू-टर्न को पायलट के पक्ष में माना जा रहा है
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को सचिन पायलट से बात करने के लिए पायलट के अनशन के अगले दिन ही जयपुर आना था और उनसे बात करनी थी लेकिन आनन - फानन में रंधावा ने अपना जयपुर दौरा रद्द कर दिया.
रंधावा ने ना केवल जयपुर दौरा रद्द किया बल्कि सचिन पायलट के अनशन को पार्टी के खिलाफ भी बता दिया. लेकिन दो दिन बाद ही न केवल रंधावा के बयान बदल गए बल्कि सचिन पायलट को लेकर उनके यू-टर्न को पायलट के पक्ष में भी माना जा रहा है.
पायलट के अनशन के बाद मिले फीडबैक को देखकर रंधावा अब सचिन पायलट को लेकर सीरियस हो गए है और चाहते है कि पायलट को लेकर कांग्रेस जल्दी ही कोई फैसला करे. इस मामले में रंधावा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की है और उसके बाद मीडिया को कहा है कि सचिन पायलट ने ठीक मुद्दा उठाया है लेकिन गलत टाइम पर उठाया है
रंधावा के इस बयान के आधार पर कहा जा रहा है कि अब न केवल रंधावा बल्कि कांग्रेस आलाकमान भी पायलट के लिए सॉफ्ट हुआ है और उसी के लिए आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर एक महत्वपूर्ण मीटिंग होनी है.
सूत्रों की माने तो सचिन पायलट भी इस मीटिंग में शामिल हो सकते है. इसके अलावा अम्बिका सोनी, मुकुल वासनिक और किसी वेणुगोपाल के भी इस मीटिंग में शामिल होने की सम्भावना है.
संजीवनी मुद्दे पर न बोलने से नाराज है रंधावा
मीडिया से बात करते हुए सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट ने यह मुद्दा गलत समय उठाया है. अगर विधानसभा चुनाव के वक्त वे इस मुद्दे को उठाते तो मुख्यमंत्री को जवाब देना पड़ता. इसके साथ ही भृष्टाचार के बहुत से मुद्दों पर बोलने के बाद भी सचिन पायलट संजीवनी सोसायटी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर नहीं बोले उसे लेकर रंधावा खासे नाराज है.
रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट को गजेन्द्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई इस पर भी बोलना चाहिए था.