वासुदेव देवनानी: लेखन भी देश सेवा का माध्‍यम

लेखन भी देश सेवा का माध्‍यम
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष  वासुदेव देवनानी
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देवनानी ने कवि डॉ. चारण के लेखन की सराहना करते हुए कहा कि उनकी रचनाऐं राष्‍ट्रीय भावना से ओत-प्रोत है। ये रचनाऐं अन्‍त:भाव का प्रदर्शन कर रही है। पाठ्कों को इनसे राष्‍ट्र की सेवा के लिये प्रेरणा मिलेगी

जयपुर । राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष  वासुदेव देवनानी ने कहां है कि लेखन कार्य भी देश सेवा का माध्‍यम है। उन्‍होंने लेखको का आह्वान किया कि वे भारतीय संस्‍कृति की महानता की अनुभूति कराने वाला लेखन करें। यह भी सच्‍ची देश सेवा है।

देवनानी ने शुक्रवार को यहां जवाहर कला केन्‍द्र में डॉ. प्रेम सिंह चारण के काव्‍य संग्रह गीताक्षरी का विमोचन किया। श्री देवनानी ने डॉ. चारण की पेंटिग्‍स प्रदर्शनी कैथारसिस का फीता काटकर उद्घाटन किया। विधानसभा अध्‍यक्ष ने दीप प्रज्‍ज्‍वलन कर समारोह का शुभारम्‍भ किया।

 देवनानी ने कहा कि मानव जीवन में संस्‍कार आवश्‍यक होते है। सुसंस्‍कारों से ही परिवार, समाज और राष्‍ट्र मजबूत बनता है। उन्‍होंने कहा कि विकसित भारत, श्रेष्‍ठ भारत और अखण्‍ड भारत के लिये आत्‍मविश्‍वास के साथ कार्य करें।  देवनानी ने कहा कि देश करवट ले रहा है। 21वीं शताब्‍दी भारत की शताब्‍दी है। पूरे विश्‍व में भारत का परचम लहरा रहा है। दूसरे देशों में भारत का मान बढा है।

देवनानी ने कवि डॉ. चारण के लेखन की सराहना करते हुए कहा कि उनकी रचनाऐं राष्‍ट्रीय भावना से ओत-प्रोत है। ये रचनाऐं अन्‍त:भाव का प्रदर्शन कर रही है। पाठ्कों को इनसे राष्‍ट्र की सेवा के लिये प्रेरणा मिलेगी।

समारोह में स्‍वागत उद्बोधन डॉ. प्रेम सिंह चारण ने किया। उन्‍होंने बताया कि उनके कविता संग्रह में 90 रचनाऐं समाहित है। समारोह को  रविन्‍द्र भारती ने भी सम्‍बोधित किया।

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