Highlights
- राहुल कस्वां के नेतृत्व में 'किसान एकता ट्रैक्टर मार्च' शुरू।
- किसानों के लंबित फसल बीमा क्लेम मुख्य मुद्दा।
- सादुलपुर से जयपुर तक जाएगी यह यात्रा।
- प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।
चूरू: आज चूरू (Churu) में कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां (Rahul Kaswan) के नेतृत्व में 'किसान एकता ट्रैक्टर मार्च' (Kisan Ekta Tractor March) शुरू हुआ। यह सादुलपुर (Sadulpur) से जयपुर (Jaipur) तक किसानों के बीमा क्लेम सहित कई मुद्दों पर है।
कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां के नेतृत्व में आज चूरू में 'किसान एकता ट्रैक्टर मार्च' का आयोजन किया जा रहा है। यह मार्च सादुलपुर से शुरू होकर जयपुर तक जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की विभिन्न समस्याओं, विशेषकर फसल बीमा क्लेम के लंबित भुगतान को उजागर करना है। इस महत्वपूर्ण आयोजन के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सादुलपुर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, जिसमें एसटीएफ और आरएसी के जवान भी शामिल हैं, जिन्हें हनुमानगढ़, बीकानेर और श्रीगंगानगर जिलों से बुलाया गया है।
किसान एकता ट्रैक्टर मार्च: एक शक्ति प्रदर्शन
सांसद कस्वां के आह्वान पर चूरू संसदीय क्षेत्र के सभी विधायक, पूर्व विधायक और इंडिया गठबंधन के नेता इस ट्रैक्टर यात्रा की तैयारियों में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। हजारों किसानों के अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ इस मार्च में शामिल होने की संभावना है, जो इसे एक विशाल जन आंदोलन का रूप दे सकता है।
यह यात्रा विशेष रूप से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के गृह क्षेत्र सादुलपुर से शुरू हो रही है, जिसे राहुल कस्वां का एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में यह देखने लायक होगा कि कस्वां इस यात्रा में कितनी भीड़ जुटा पाते हैं और यह आंदोलन किसानों के मुद्दों पर कितना प्रभाव डाल पाता है।
किसानों की समस्याओं पर राहुल कस्वां का बयान
सरदारशहर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में रविवार को सांसद राहुल कस्वां ने किसानों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि किसान आज हर स्तर पर परेशान है। उन्होंने खरीफ 2021 के 500 करोड़ रुपये के फसल बीमा क्लेम को निरस्त किए जाने को किसानों के साथ घोर अन्याय बताया।
कस्वां ने यह भी उल्लेख किया कि कई सीजनों के फसल बीमा क्लेम अभी तक बकाया पड़े हैं। किसानों को खाद-बीज, यूरिया और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने के लिए घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ट्रैक्टर मार्च सरकार को किसानों की पीड़ा से अवगत कराने का एक सशक्त माध्यम है।
प्रशासन की कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था
ट्रैक्टर मार्च के शांतिपूर्ण आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए जिले में जगह-जगह नाकेबंदी की गई है। सादुलपुर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, वरिष्ठ अधिकारी और विशेष बलों की तैनाती की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि मार्च सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
किसानों की प्रमुख मांगें
इस ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से किसानों द्वारा निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाई जा रही हैं:
- खरीफ 2021 का 500 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम तुरंत जारी किया जाए।
- विभिन्न फसलों के सभी लंबित बीमा क्लेम का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
- बीमा पोर्टल की त्रुटियों को दूर कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
- समयबद्ध और निष्पक्ष फसल बीमा प्रणाली लागू की जाए।
- डीएपी-यूरिया की किल्लत खत्म कर कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए।
- पात्र किसानों के टोकन की जांच की जाए।
- समर्थन मूल्य पर फसलों की सुनिश्चित खरीद की जाए।
- मूंग व चना को प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना में शामिल किया जाए।
- कृषि एवं घरेलू बिजली लाइनों को अलग किया जाए।
- लंबित कृषि कनेक्शन तुरंत जारी किए जाएं।
- झींगा पालन को बढ़ावा दिया जाए।
- यमुना लिंक समझौता लागू किया जाए।
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