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बस फिर क्या था। अपने गुरू पर मामला दर्ज होते ही उनके समर्थकों में भारी आक्रोश छा गया और लोग उनके समर्थन में सड़कों पर उतर आए। लोगों के भारी विरोध के चलते शनिवार को उदयपुर में जोरदार हंगामा हो गया और 5 घंटे तक रास्ता जाम रहा।
उदयपुर | बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में राजस्थान का उदयपुर जिला जाम हो गया।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ उदयपुर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर हजारों की संख्या में उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए।
उदयपुर में हिंदुओं के नव संवत्सर के मौक पर आयोजित एक धर्म सभा में बागेश्वर धाम महंत धीरेंद्र शास्त्री द्वारा कुंभलगढ़ पर भगवा फहराने को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद पुलिस ने उन पर मामला दर्ज किया है।
उदयपुर की हाथीपोल थाना पुलिस ने धीरेंद्र शास्त्री पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया है।
बस फिर क्या था। अपने गुरू पर मामला दर्ज होते ही उनके समर्थकों में भारी आक्रोश छा गया और लोग उनके समर्थन में सड़कों पर उतर आए।
लोगों के भारी विरोध के चलते शनिवार को उदयपुर में जोरदार हंगामा हो गया और 5 घंटे तक रास्ता जाम रहा।
पुलिस को लोगों को रास्ते से हटाने और विरोध को शांत करने में बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
आपको बता दें कि, धीरेंद्र शास्त्री की सिर्फ एक आवाज पर ही कुछ युवक कुंभलगढ़ पर भगवा झंडा फहराने पहुंच गए।
जिसके बाद राजसमंद के केलवाड़ा थाना पुलिस ने कुंभलगढ़ में 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
जिसके बाद उदयपुर की सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ दर्ज मामले और युवकों की गिरफ्तारी का विरोध करते रहे।
प्रदर्शन के दौरान बीजेपी से जुड़े पदाधिकारी और हिंदू संगठनों के भी प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस विरोध प्रदर्शन में संत समाज भी शामिल हुआ। विरोध के दौरान बीच चौराहे पर ही भजन मंडली ने अपनी तान छेड़ दी।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों अनूठे अंदाज में अपनी मांग को प्रशासन और सरकार के सामने रखा।
हिंदू समाज के लोगों ने कहीं हनुमान चालीसा का पाठा किया तो कहीं भगवान के भजन भी गाए गए।
पांच घंटों की मशक्कत के बाद जब राजसमंद जिले से गिरफ्तार किए गए पांचों युवकों की जमानत होने की जानकारी प्रदर्शनकारियों को मिली तब जाकर उन्होंने विरोध पर लगाम लगाया और प्रशासन को ज्ञापन देकर प्रदर्शन खत्म किया।
सर्व हिंदू समाज ने जिला प्रशासन और पुलिस को ज्ञापन देकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर लगाई गई एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तार पांचों युवकों के मामले में सही जांच करने की एफआर लगाने की मांग की गई।
साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया जाएगा तो अगली बार उग्र आंदोलन होगा।