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स्क्रीनिंग कमेटी में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के शामिल होने से सियासी गलियारों में चर्चा ये है कि अब चुनावों में उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में किसकी चलेगी? ऐसे में स्क्रीनिंग कमेटी में दोनों नेताओं का नाम होने से टिकट पाने की दौड़ में लगे नेताओं और उनके समर्थकों में और भी ज्यादा खलबली देखी जा रही है।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर जारी की गई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की लिस्ट के बाद से सियासी गलियारों में खलबली मच गई है।
पार्टी आलाकमानों ने राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की कमान सांसद गौरव गोगोई को सौंपी है।
इसके साथ उनके सहयोग के लिए लगाए गए सदस्यों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा के साथ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी शामिल नियुक्त किया गया है।
राजनीतिक जानकारों की माने तो बस यहीं से मामला गड़बड़ता दिख रहा है।
स्क्रीनिंग कमेटी में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के शामिल होने से सियासी गलियारों में चर्चा ये है कि अब चुनावों में उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में किसकी चलेगी?
ऐसे में स्क्रीनिंग कमेटी में दोनों नेताओं का नाम होने से टिकट पाने की दौड़ में लगे नेताओं और उनके समर्थकों में और भी ज्यादा खलबली देखी जा रही है।
आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे दोनों ही नेताओं के समर्थकों ने अपनी जोर-आजमाईश को और तेज कर दिया है।
दरअसल, पिछले साढ़े चार सालों में बार-बार गहलोत और पायलट गुट के बीच खींचतान सामने आ चुकी है।
भले ही पार्टी आलाकमान की समझाईश के बाद चुनावों से पहले दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपना मुंह बंद कर रखा हो, लेकिन अब टिकट बंटवारे को लेकर क्या दोनों चुप रह पाएंगे ?
ऐसे में सियासी गलियारों में ये भी चर्चा सामने आ रही हैं कि अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलवाने के लिए दोनों ही नेता पुरजोर कोशिश करेंगे, लेकिन अब इसमें जीत किसकी होगी ? ये देखने वाली बात होगी।
क्योंकि स्क्रीनिंग कमेटी का ज़िम्मा चुनाव में जिताऊ उम्मीदवार को को ही टिकट देना है। इसी कमेटी की सिफारिश के आधार पर संभावित उम्मीदवारों का चयन होगा। उसके बाद आलाकमान से फाइनल मंज़ूरी मिलने के बाद ही चयनित उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाई जाएगी।
वहीं दूसरी ओर, गौरव गोगोई को राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाने के साथ ही गणेश गोदियल और अभिषेक दत्त को स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य नियुक्त किया है।