Highlights
- हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में किसानों ने किया हिंसक प्रदर्शन।
- प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़ी, ऑफिस फूंका और 14 गाड़ियां जलाईं।
- कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया लाठीचार्ज में घायल, सिर में लगे तीन टांके।
- इलाके में तनाव के चलते इंटरनेट सेवाएं बंद, कई परिवार घर छोड़कर भागे।
हनुमानगढ़: राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ (Hanumangarh) में एथेनॉल फैक्ट्री (Ethanol Factory) के विरोध में किसानों ने बवाल किया। फैक्ट्री में आगजनी हुई, 14 गाड़ियां जलीं, कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया (Abhimanyu Poonia) घायल हुए। इंटरनेट बंद।
बुधवार को हुए इस बवाल के बाद इलाके में गहरा तनाव व्याप्त है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के 700 से अधिक जवान विरोध-प्रदर्शन वाली जगह पर तैनात किए गए हैं।
गुरुवार सुबह से ही किसानों का प्रदर्शन स्थल के पास के गुरुद्वारे में पहुंचना शुरू हो गया है। आज भी जिले के टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं।
फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। यह स्थिति इलाके में भय और अनिश्चितता का माहौल दर्शाती है।
हिंसक प्रदर्शन और आगजनी
बुधवार, 10 दिसंबर को किसानों ने राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी थी। प्रदर्शनकारी अंदर घुस गए और उन्होंने फैक्ट्री के ऑफिस में आग लगा दी।
इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
पुलिस की कार्रवाई से गुस्साए किसानों ने 14 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इन गाड़ियों में फैक्ट्री से संबंधित वाहन और निजी गाड़ियां शामिल थीं।
इस हिंसा में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को भी लाठीचार्ज के दौरान सिर पर चोट लगी है। उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।
जानकारी के अनुसार, विधायक पूनिया के सिर पर तीन टांके लगे हैं। इस पूरे संघर्ष में 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें किसान और पुलिसकर्मी दोनों शामिल हैं।
तनावपूर्ण माहौल के चलते इस क्षेत्र के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
विरोध की पृष्ठभूमि और महापंचायत
फैक्ट्री की दीवार तोड़ने से पहले किसानों ने एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया था। इस महापंचायत में विभिन्न किसान नेता और स्थानीय लोग शामिल हुए थे।
नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें फैक्ट्री का काम रोकने का लिखित आश्वासन नहीं दिया था। इसी वजह से किसानों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने हिंसक रास्ता अपनाया।
बुधवार शाम को सैकड़ों की संख्या में किसान फैक्ट्री के पास जमा हो गए थे। पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ते हुए वे फैक्ट्री परिसर में घुस गए।
क्या है पूरा मामला?
एथेनॉल प्लांट का निर्माण
चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी राठीखेड़ा में 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट लगा रही है। कंपनी का दावा है कि यह प्लांट केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम को सपोर्ट करेगा।
शांतिपूर्ण विरोध का लंबा दौर
सितंबर 2024 से जून 2025 तक लगभग 10 महीने तक किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से इस प्लांट के निर्माण का विरोध किया था। यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय पर्यावरण और कृषि भूमि पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों को लेकर था।
विरोध का तेज होना
जुलाई 2025 में विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया, जब कंपनी ने फैक्ट्री की चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण शुरू किया। इससे किसानों का गुस्सा भड़क उठा, क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है।
फैक्ट्री निर्माण फिर शुरू और गिरफ्तारियां
19 नवंबर 2025 को पुलिस सुरक्षा में फैक्ट्री निर्माण का काम फिर से शुरू कर दिया गया। इसके विरोध में किसान नेता महंगा सिंह सहित 12 से अधिक किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद 20 और 21 नवंबर को भी 67 अन्य लोगों ने अपनी गिरफ्तारी दी। इन गिरफ्तारियों ने किसानों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया।
दीवार तोड़ने और झड़प का दिन
बुधवार, 10 दिसंबर को दोपहर में किसानों ने टिब्बी एसडीएम ऑफिस के सामने एक विशाल सभा की। इस सभा में आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।
शाम करीब 4 बजे सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए। उन्होंने फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी और पुलिस के साथ उनकी झड़प शुरू हो गई।
वर्तमान स्थिति और आगे की आशंका
गुरुवार सुबह से ही हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन में तनाव बढ़ने की आशंका है। कांग्रेस नेताओं और किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
प्रशासन स्थिति को सामान्य करने और शांति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। हालांकि, किसानों का दृढ़ संकल्प और स्थानीय लोगों में व्याप्त भय एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
पुलिस और प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकाला जा सकेगा, जिससे क्षेत्र में शांति बहाल हो सके। इस बीच, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
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