Highlights
- 'D6 मिशन' का खुलासा, छह शहरों को दहलाने की थी साजिश।
- बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने की थी योजना।
- जैश-ए-मोहम्मद ने हवाला के जरिए भेजे थे 20 लाख रुपये।
- आरोपी मार्च 2022 में तुर्की गए थे, वहीं रची गई थी साजिश।
नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में लाल किले (Red Fort) के पास हुए धमाके में 'मैडम सर्जन' डॉ शाहीन शाहिद (Dr. Shaheen Shahid) की डायरी से 'D6 मिशन' का खुलासा हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंस का बदला लेने के लिए छह शहरों को दहलाने की साजिश रची थी।
लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद से जांच एजेंसियां जैश-ए-मोहम्मद की असली मंशा को उजागर करने में जुटी हैं। इसी क्रम में, धमाके की आरोपी डॉ शाहीन शाहिद की डायरी से 'D6 मिशन' नामक एक बड़ी आतंकी साजिश का पता चला है। यह मिशन बाबरी मस्जिद को ढ़ाहने का बदला लेने के उद्देश्य से बनाया गया था।
'D6 मिशन' और बदले की साजिश
जांचकर्ताओं ने बताया कि 'D6 मिशन' के तहत जैश के आतंकियों ने देश के छह शहरों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। फरीदाबाद से गिरफ्तार की गई शाहीन को इस मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है। जब्त किए गए डिजिटल सबूतों, डायरी और कुछ नोट्स से यह भी सामने आया है कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बदले के रूप में विभिन्न शहरों में हमले करने की तैयारी थी।
वित्तीय लेन-देन और जांच का दायरा
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद ने हवाला चैनल के माध्यम से उमर, मुजम्मिल और शाहीन को 20 लाख रुपये भेजे थे। इन पैसों का उपयोग आतंकियों की भर्ती, सुरक्षित आवास, सुरक्षित फोन और रेकी जैसे कार्यों के लिए किया जाना था। अब जांच एजेंसियां शाहीन की वित्तीय गतिविधियों का गहन ऑडिट कर रही हैं।
उसके कानपुर के तीन बैंक खातों, लखनऊ के दो खातों और दिल्ली के दो खातों में हुए मनी ट्रांसफर, नकद निकासी और जमा की गई रकम की विस्तृत जांच चल रही है। यह जांच आतंकी फंडिंग के नेटवर्क को समझने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
डॉ. शाहीन शाहिद की संदिग्ध गतिविधियां
टीमें कानपुर में शाहीन की गतिविधियों की भी जांच कर रही हैं, विशेषकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जहां वह पहले काम करती थी। अधिकारी जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच उसके प्रवेश लॉग, ड्यूटी रोस्टर, आगंतुक सूचियां और ठहरने के स्थानों का विवरण एकत्र कर रहे हैं। सहकर्मियों ने बताया कि वह शायद ही कभी छुट्टी लेती थी और अपने छोटे बच्चे को ड्यूटी पर लाती थी, क्योंकि घर पर कोई नहीं रहता था।
वह अपने तलाक के बारे में बात करने से भी बचती थी। शाहीन कॉलेज के एल-ब्लॉक परिसर में रहती थी और महिला सहकर्मियों के साथ उसके संबंध अच्छे थे। दिसंबर 2013 में विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारियां सौंपने के बाद वह अचानक गायब हो गई। उसने 4 जनवरी 2014 तक लौटने का वादा किया था, लेकिन वह कभी नहीं लौटी।
लगभग एक साल तक आधिकारिक पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला। 2016 में, दो कर्मचारियों ने उसके पंजीकृत पते पर जो पत्र भेजे, वे भी गलत पाए गए। अंततः, 2021 में उसे औपचारिक रूप से बर्खास्त कर दिया गया।
तुर्की में रची गई थी आतंकी साजिश
जांच से यह भी पता चला है कि दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी मार्च 2022 में तुर्की गए थे। वहां उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स से मुलाकात की थी और 6 दिसंबर को भारत में आतंकी हमला करने की पूरी साजिश वहीं रची गई थी। यह खुलासा अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क के साथ उनके संबंधों को उजागर करता है।
राजनीति