राजस्थान में इसी साल के लास्ट में विधानसभा के लिए चुनाव होने है और हर नेता अपनी मजबूत दावेदारी की कोशिशों में लगा हुआ है. कुछ टिकिट के जुगाड़ में बड़े नेताओं को खुश करने में लगे है तो कुछ अपने टिकिट को लेकर आश्वस्त भी है.
लेकिन राजस्थान विधानसभा में एक विधायक ऐसे में भी है जिन्होंने खुद की इच्छा से अब चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसा ऐलान करने वाले विधायक का नाम है दीपेन्द्र सिंह शेखावत जो सीकर की श्रीमाधोपुर सीट से विधायक है और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके है.
दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए सबसे पहले तो श्रीमाधोपुर की जनता का आभार जताया और उसके बाद घोषणा कर दी कि अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके पीछे दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया.
गौरतलब है कि दीपेन्द्र सिंह शेखावत एक सीनियर और गंभीर छवि के राजनेता होने के साथ ही विधायी मामलों की अच्छी समझ रखने के लिए जाने जाते है और उनकी इसी इमेज को देखते हुए अशोक गहलोत की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी थी.
लेकिन गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में उन्हें कोई भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई. अपनी इस अनदेखी से नाराज शेखावत सचिन पायलट के साथ मानेसर जाने वाले विधायकों में शामिल थे. और लगातार वे सचिन पायलट खेमे की तरफ से मुखर रहे.
बीते दो साल से शेखावत स्वास्थ्य कारणों से जूझ रहे है और इस कार्यकाल के दौरान वे अपने क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय भी नहीं रह पाए. चर्चा भी थी कि शेखावत आने वाला विधानसभा चुनाव शायद ही लाडे जिसका पटाक्षेप अब दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने खुद कर दिया.
दीपेन्द्र सिंह शेखावत के इस ऐलान के साथ ही अब चर्चा चल चुकी है कि क्या कांग्रेस दीपेन्द्र सिंह शेखावत के पुत्र पर दांव खेल सकती है. राजनीतिक गलियारों में भी इस बात की चर्चा अक्सर होती है कि दीपेन्द्र सिंह शेखावत अपनी राजनीतिक विरासत दुसरी पीढ़ी को ट्रांसफर करने की तैयारी में है.