पंचायत का फरमान : दाढ़ी है... तो नहीं मिलेगी दुल्हन

दाढ़ी है... तो नहीं मिलेगी दुल्हन
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Highlights

  • पंचायत ने फरमान दिया है जिसके बाद दाढ़ी वाले दूल्हे अब दुल्हन से वंचित रहेंगे
  • फैशन के शौकीन किसी दूल्हे ने पंचायत का फरमान नहीं माना तो उसकी शादी रुकवा दी जाएगी
  • अगर कोई दूल्हा पंच - पटेलों की बात को नहीं मानेगा तो उसे सामाजिक दंड भी दिया जाएगा

मशहूर शायर कैफ भोपाली ने एक ज़माने में शेर कहा था कि 

' ये दाढियां ये तिलकधारियाँ नहीं चलती 
 हमारे अहद में मक्कारियां नहीं चलती ' 

कुछ ऐसा की फरमान अब शादी का ख्वाब पाले बैठे उन दूल्हों के लिए आया है जो चेहरे पर दाढ़ी लिए मंडप में पहुँच जाते है. जी हां शादियों के सीजन के बीच एक खाप पंचायत ने ऐसा ही फरमान दिया है जिसके बाद दाढ़ी वाले दूल्हे अब दुल्हन से वंचित ही रहेंगे.

यह फरमान भी इस नसीहत के साथ जारी हुआ है कि अगर फैशन के शौकीन किसी दूल्हे ने पंचायत का फरमान नहीं माना तो न केवल उसकी शादी रुकवा दी जाएगी बल्कि समाज से भी बहिष्कृत किया जा सकता है.

बात यह है कि इस पंचायत के प्रस्ताव में एक दो नहीं बल्कि पूरे 19 गांवो के प्रतिनिधि शामिल है. 

दूल्हे राजा या तो क्लीन शेक करवा ले नहीं तो बारात बिना दुल्हन के ही लौटेगी 

मामला राजस्थान के पाली जिले का है. यहां के कुमावत समाज की हालही में एक बड़ी पंचायत आयोजित हुई है और इस पंचायत के पंच - पटेल आजकल दाढ़ी बढ़कर आने वाले दूल्हों से कुछ ज्यादा ही खफा नजर आए. बस फिर क्या था.

सब पंचों ने मिलकर एक प्रस्ताव पास कर दिया और फरमान सुना दिया कि अब से कुमावत समाज में अगर कोई दूल्हा दाढ़ी बढाकर आया तो उसे बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ेगा.

अगर कोई दूल्हा पंच - पटेलों की बात को नहीं मानेगा तो उसे सामाजिक दंड भी दिया जाएगा. न केवल सामाजिक दंड बल्कि उस परिवार को समाज से बहिष्कृत भी किया जा सकता है. 

क्या कह रहे है पंच - पटेल 

कुमावत समाज की पंचायत में लिए गए इस फैसले के पीछे पंच - पटेलों का तर्क है कि विवाह एक संस्कार है और दूल्हे को इसमें राजा के रूप में देखा जाता है.

पंचों का कहना है कि आजकल नए फैशन के चक्कर में दूल्हे दाढ़ी बढाकर विवाह की रस्में दाढ़ी बढाकर निभाते है जो कि अशोभनीय लगता है. इसलिए समाज के पंच - पटेलों अब तय किया है कि कुमावत समाज में कोई भी दूल्हा दाढ़ी बढाकर घोड़ी नहीं चढ़ेगा.  

पाली ही नहीं बल्कि राजस्थान के सवाईमाधोपुर में भी कुमावत समाज की एक ऐसी ही पंचायत आयोजित की गई और उसमे भी यह प्रस्ताव पास किया गया कि अगर समाज में लड़कों को शादी करनी है तो पहले क्लीन शेव करवानी पड़ेगी.

इस पंचायत में कुमावत समाज के पंचों का कहना है कि दूल्हों का दाढ़ी रखना पश्चिमी सभ्यता अनुसरण है. 

पहले भी शादी में अड़चन बन चुकी है दूल्हे की बढ़ी हुई दाढ़ी 

दरअसल बीते कुछ सालों से दूल्हों में दाढ़ी बढ़ाने का एक नया क्रेज चला है और आजकल दूल्हे बड़ी संख्या में बढ़ी हुई दाढ़ी में देखे जाते है.

राजस्थान के कुमावत समाज ने इसे लेकर प्रस्ताव अब पास किया है लेकिन इससे पहले भी मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में दूल्हे की बढ़ी हुई दाढ़ी शादी में बड़े विवाद का कारण बन चुकी है. फर्क यह था कि उस शादी में यह अड़चन समाज के पंच - पटेल नहीं बल्कि दुल्हन का पिता बन गया था. 

मामला मार्च 2018 का था जब खंडवा जिले के अजंटी गाँव में एक दूल्हा अपनी दुल्हन के साथ सात फेरे लेने बढ़ी हुई दाढ़ी में पहुँच गया था.  दूल्हे की बढ़ी दाढ़ी देखकर दुल्हन के पिता ने शादी करने से इनकार कर दिया और दूल्हे से क्लीन शेव करवाने को कहा. लेकिन बात तब ज्यादा बिगड़ गई जब दूल्हे ने भी शेविंग करवाने से मना कर दिया.

जब दूल्हे ने शेविंग ना करने का कारण बताया तो एक अलग ही दिलचस्प बात सामने आई. दूल्हे ने बताया कि तीन साल पहले उसके पिता गुम हो गए थे और अपने पिता के  ना मिलाने तक उसने दाढ़ी ना बनवाने की मन्नत मांग रखी है. 

आखिर पटेलों ने ही दूसरा तरीका निकाला 

दाढ़ी के चक्कर में बात इतनी उलझ गई कि बारात रवाना होने को तैयार हो गई लेकिन तभी गांव के पंच - पटेलों ने ही दूसरा तरीका निकाला. पुलिस के सामने पंच - पटेलों ने युक्ति सुझाई कि दूल्हा गाँव के मंदिर में क्षमा मांगकर मन्नत उतार दे और फिर शेविंग करवा ले. 

आखिर दूल्हे को भी पटेलों की बात माननी पड़ी और शेविंग करवाने के बाद उसे अपनी दुल्हन मिली. 

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