Highlights
- राजस्थान यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय गुलदाउदी प्रदर्शनी शुरू।
- प्रदर्शनी में 40 किस्मों के 7 हजार गमले प्रदर्शित।
- दुर्लभ और विशेष किस्में भी शामिल, बिक्री 14 दिसंबर को।
- प्रति गमला 100 रुपए कीमत निर्धारित।
जयपुर: राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) में 40 किस्मों के गुलदाउदी (Chrysanthemum) की तीन दिवसीय प्रदर्शनी शुरू हो गई है। इसमें 7 हजार गमले तैयार किए गए हैं, जिनकी बिक्री 14 दिसंबर को होगी।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में हर साल की तरह इस बार भी गुलदाउदी की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी यूनिवर्सिटी कैंपस में 12 और 13 दिसंबर को आम जनता के लिए खुली रहेगी, जहां लोग विभिन्न प्रकार के आकर्षक फूलों को निहार सकेंगे।
प्रदर्शनी का अंतिम दिन, 14 दिसंबर, गुलदाउदी के इन खूबसूरत पौधों की बिक्री के लिए निर्धारित किया गया है। यह मौका फूलों के शौकीनों के लिए अपने घरों को सजाने का एक सुनहरा अवसर है।
इस साल की प्रदर्शनी की विशेषताएँ
इस वर्ष की प्रदर्शनी पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक व्यापक और बड़ी मानी जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस बार लगभग 40 विभिन्न किस्मों के गुलदाउदी के पौधे तैयार किए हैं।
इन किस्मों में कई दुर्लभ और विशेष प्रजातियाँ भी शामिल हैं, जिन्हें देखना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। ये प्रजातियाँ फूलों के शौकीनों और वनस्पति विज्ञान के छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
प्रदर्शनी में कुल 7 हजार गुलदाउदी के गमले प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सफेद, पीला, नारंगी, गुलाबी, लाल और बैंगनी जैसे कई आकर्षक रंगों के शेड्स मौजूद हैं, जो परिसर को एक रंगीन और जीवंत रूप दे रहे हैं।
गुलदाउदी: पतझड़ की रानी और इसका महत्व
गुलदाउदी को 'पतझड़ की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। यह फूल समृद्धि, उत्साह और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है, जिसका भारतीय संस्कृति में भी विशेष महत्व है।
इन्हें पूजा-पाठ से लेकर घरों और सार्वजनिक स्थानों की सजावट तक में उपयोग किया जाता है। इसी सांस्कृतिक और सौंदर्य महत्व के कारण, हर साल बड़ी संख्या में लोग राजस्थान यूनिवर्सिटी की इस प्रदर्शनी का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
बिक्री और वानस्पतिक अध्ययन का अवसर
यूनिवर्सिटी की नर्सरी में इस साल तैयार किए गए लगभग 7 हजार गुलदाउदी के गमलों की बिक्री 14 दिसंबर को होगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रत्येक गमले की कीमत 100 रुपए निर्धारित की है, जिससे यह सभी के लिए सुलभ हो सके।
यह प्रदर्शनी न केवल आम लोगों को प्रकृति और फूलों की सुंदरता से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है, बल्कि यह स्टूडेंट्स और शोधकर्ताओं के लिए वानस्पतिक अध्ययन का एक उत्कृष्ट माध्यम भी साबित होगी।
यहां वे विभिन्न किस्मों, उनके विकास, देखभाल और अनुकूलन के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह वार्षिक आयोजन शहर के पर्यावरण और शैक्षिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।
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