विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष : राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा राजे से मिलना-जुलना कम होता है,बात-बात में दे दिया बड़ा सियासी संकेत !

राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा राजे से मिलना-जुलना कम होता है,बात-बात में दे दिया बड़ा सियासी संकेत !
rajendra rathore and vasundhara raje
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जयपुर | राजस्थान विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष और भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद सियासी गलियारों में राठौड़ और वसुंधरा के रिश्तों पर चर्चा तेज है. 

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में राजेन्द्र राठौड़ ने स्वीकार किया कि वसुंधरा राजे से अब उनका मिलना-जुलना बहुत कम होता है और इसका कारण बताते हुए राठौड़ बोले कि वे लगातार व्यस्त रहतीं हैं. 

साथ ही खुद को पार्टी का छोटा कार्यकर्ता बताते हुए राठौड़ ने वसुंधरा राजे के बारे में कहा कि वे आज भी हमारी नेता हैं और वे कांग्रेस को हर मंच से ललकारती हैं. वसुंधरा राजे पर दिए गए राठौड़ के इस बयान को राजस्थान की सियासत में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. क्योंकि इन दिनों भाजपा में वसुंधरा राजे के नेतृत्व को लेकर लगातार चर्चाओं का बाजार गर्म है. 

चूँकि राजेन्द्र राठौड़ भाजपा के सीनियर नेता होने के साथ ही राजनीतिक समीकरणों पर बारीक़ समझ वाले नेता भी माने जाते है. ऐसे में उनके द्वारा वसुंधरा राजे को खुद की नेता स्वीकार किया जाना एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. 

गौरतलब है कि हालही में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उदयपुर रैली में राजेन्द्र राठौड़ से मंच पर सीपी जोशी के भाषण के बाद सीधे अमित शाह को भाषण के लिए बुलाने का मुद्दा खूब चर्चा में रहा. 

लेकिन अमित शाह द्वारा वसुंधरा राजे को मंच दिए जाने के बाद ना केवल वसुंधरा राजे की भाजपा में मुख्य भूमिका में लौटने की चर्चा तेज है बल्कि राजेन्द्र राठौड़ और और वसुंधरा राजे के संबंधों पर भी खूब चर्चा हुई. 

क्या वसुंधरा राजे का नेतृत्व स्वीकार कर चुके राठौड़ 

भाजपा राजस्थान का विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ेगी यह सवाल अभी तक अनसुलझा है. एक धड़ा लगातार वसुंधरा राजे के नेतृत्व की बात कर रहा है तो दूसरा धड़ा चाहता है कि चुनाव मोदी-शाह के चेहरे पर लड़ा जाए. 

लेकिन अमित शाह की उदयपुर रैली ले बाद इस तरह की सुगबुगाहट तेज हो चुकी है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के लिए भाजपा द्वारा एक बड़ी भूमिका तलाशी जा रही है. चूँकि नेता-प्रतिपक्ष बनने के बाद राजेन्द्र राठौड़ का पार्टी में कद बढ़ा है और उन्हें भी CM फेस में गिना जाता है. ऐसे में राजेन्द्र राठौड़ के वसुंधरा राजे पर दिए गए इस बयान के बाद चर्चा है कि क्या राजेन्द्र राठौड़ ने वसुंधरा राजे का नेतृत्व स्वीकार कर लिया है. 

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