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जय नारायण व्यास जोधपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। भाटी छात्रनेता से विधायक बनने की तैयारी में लगे हुए थे, लेकिन भाटी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने एक सप्ताह के भीतर ही पार्टी से खुद को अलग कर लिया।
जोधपुर | Rajasthan Election 2023: 8 दिन पहले राजधानी जयपुर में भाजपा का दामन थामने वाले और भाजपा के नेतृत्व जनसेवा की बात कहने वाले नेता रविंद्र सिंह भाटी ने भाजपा से बगावत कर दी है।
जय नारायण व्यास जोधपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
भाटी छात्रनेता से विधायक बनने की तैयारी में लगे हुए थे, लेकिन भाटी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने एक सप्ताह के भीतर ही पार्टी से खुद को अलग कर लिया।
भाटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर जनता से समर्थन मांगा हैं।
सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए भाटी ने लिखा कि कल दिनांक 06 नवम्बर को शिव विधानसभा से आप सभी के साथ, सहयोग, समर्थन एवं समस्त सरहद वासियों के सम्मान के लिए अपना नामांकन दाखिल करने जा रहा हूं। आप सभी ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधारकर आशीर्वाद प्रदान करें।
कल दिनांक 06 नवम्बर को शिव विधानसभा से आप सभी के साथ, सहयोग, समर्थन एवं समस्त सरहद वासियों के सम्मान के लिए अपना नामांकन दाखिल करने जा रहा हूं।
— Ravindra Singh Bhati (@RavindraBhati__) November 5, 2023
आप सभी ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधारकर आशीर्वाद प्रदान करें। pic.twitter.com/XOrEA5glN8
न तो शिव मिली न ही सरदारपुरा
छात्रनेता रहे रविंद्र सिंह ने सप्ताहभर पहले ही जयपुर में भाजपा प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा था।
तब उन्होंने भाजपा के नेतृत्व में राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाने और जनता की सेवा करने की बात कही थी।
लेकिन टिकट नहीं मिलने से उनका भाजपा मोह मात्र 8 दिन में ही टूट गया।
भाटी को सरदारपुरा विधानसभा सीट से सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के सामने उतारने को लेकर चर्चाएं चल रही थी, लेकिन यहां से पार्टी ने महेंद्र सिंह राठौड़ को मैदान में उतार दिया।
हालांकि, भाटी शिव विधानसभा (Shiv Assembly) से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने अपनी चौथी लिस्ट में यहां से स्वरूप सिंह खारा को मैदान में उतार दिया।
इसके बाद भाटी और उनके समर्थकों में आक्रोश फैल गया। ऐसे में रविंद्र भाटी ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दे दी है।