कांग्रेस जिलाध्यक्ष की दौड़: सिरोही में कांग्रेस जिलाध्यक्ष चयन: ओबीसी और युवा पर फोकस

सिरोही में कांग्रेस जिलाध्यक्ष चयन: ओबीसी और युवा पर फोकस
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Highlights

  • राहुल गांधी के संगठन सृजन अभियान के तहत सिरोही में जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया शुरू।
  • ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ऑब्जर्वर परेश धनानी आज सिरोही पहुंचेंगे।
  • जिलाध्यक्ष पद के लिए ओबीसी और युवा वर्ग के नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन की तैयारी में हैं।

सिरोही: सिरोही (Sirohi) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कांग्रेस संगठन सृजन अभियान (Congress Sangathan Srijan Abhiyan) के तहत जिलाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) के ऑब्जर्वर परेश धनानी (Paresh Dhanani) कार्यकर्ताओं की राय जानने आज सिरोही पहुंचेंगे। ओबीसी और युवा इस पद के लिए प्रमुख पैमाने रहेंगे। गहलोत गुट (Gehlot Gut) से भवानी सिंह भटाणा (Bhavani Singh Bhatana) और एडवोकेट भंवर सिंह देवड़ा (Bhanwar Singh Deora) प्रमुख दावेदार हैं।

कांग्रेस संगठन सृजन अभियान का आगाज

कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से राहुल गांधी द्वारा तैयार किया गया 'कांग्रेस संगठन सृजन अभियान' सिरोही में शुरू हो चुका है।

इस अभियान के तहत ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से जिले के लिए नियुक्त ऑब्जर्वर परेश धनानी आज सिरोही पहुंचेंगे।

वे यहां कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की राय जानेंगे, जो नए जिलाध्यक्ष के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

जिलाध्यक्ष पद के लिए गुटबाजी तेज

जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी शुरू होने से पहले ही सिरोही कांग्रेस के विभिन्न धड़े अपने-अपने स्तर पर अपने गुट का जिलाध्यक्ष बनाने को लेकर लामबंद हो चुके हैं।

बताया जा रहा है कि दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन की तैयारी कर रहे हैं।

हालांकि, इनमें से प्रभावी चेहरों की संख्या कम ही है, जिससे चयन प्रक्रिया और भी दिलचस्प हो गई है।

ओबीसी और युवा पर रहेगा विशेष ध्यान

राहुल गांधी की प्राथमिकताओं और जिले के मौजूदा हालात की समीक्षा के आधार पर, जिलाध्यक्ष पद के लिए ओबीसी और युवा वर्ग के नेताओं को दो प्रमुख पैमाने के रूप में देखा जा रहा है।

सिरोही जिले की तीन विधानसभा सीटों में से केवल एक ही सामान्य वर्ग की सीट है, जिस पर पिछले छह चुनावों में से पांच में संयम लोढ़ा को टिकट मिला था।

अन्य दो सीटें आरक्षित होने के कारण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रतिनिधित्व मिलता है।

प्रमुख दावेदार और उनकी पृष्ठभूमि

जिले में ओबीसी वर्ग से भवानी सिंह भटाणा भी जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं।

उनका कांग्रेस से लंबा जुड़ाव रहा है और वे पूर्व सरपंच भी रह चुके हैं।

भवानी सिंह भटाणा राज्यसभा सांसद नीरज दांगी के खास नेताओं में से एक हैं, और यदि गहलोत गुट की चली तो उनका नंबर आ सकता है।

एडवोकेट भंवर सिंह देवड़ा भी अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार हैं।

वे सिरोही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं और उनकी एक साफ छवि है।

भंवर सिंह देवड़ा शिवगंज इलाके के उथमन गांव के निवासी हैं।

कांग्रेस की नाराजगी और ओबीसी समीकरण

कांग्रेस से नाराजगी का एक प्रमुख कारण यह रहा है कि सिरोही सीट पर केवल एक बार, 2018 में, ओबीसी वर्ग के जीवाराम आर्य को टिकट मिला था।

उस समय कांग्रेस संगठन ने तत्कालीन निर्दलीय प्रत्याशी संयम लोढ़ा को समर्थन देकर अपने ही प्रत्याशी की जमानत जब्त करवा दी थी।

पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग के वैभव गहलोत को देखकर ओबीसी की नाराजगी दूर करने की कोशिश जरूर की थी।

हालांकि, वह नाराजगी कम इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि वैभव गहलोत पर बाहरी प्रत्याशी होने का टैग लगा था।

पर्यवेक्षकों का विस्तृत कार्यक्रम

पर्यवेक्षक परेश धनानी के साथ पीसीसी पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल, पीसीसी महासचिव सुमन यादव और पीसीसी महासचिव नरेश चौधरी भी आज सिरोही पहुंचें

सर्किट हाउस सिरोही में दोपहर 3 से 5 बजे तक पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मुलाकात का कार्यक्रम है।

रात 8 बजे इच्छुक कांग्रेसजनों से वन-टू-वन चर्चा भी की जाएगी।

आज इनके समर्थकों का शक्ति प्रदर्शन

संयम लोढ़ा, जो पूर्व विधायक हैं और जिले में कांग्रेस में अच्छी पकड़ रखते हैं, उनके समर्थक आज शक्ति प्रदर्शन करेंगे।

वे आबूरोड क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनका प्रभाव महत्वपूर्ण माना जाता है।

राज्यसभा सांसद नीरज दांगी गुट के समर्थक भी अपनी ताकत दिखाएंगे, जो रेवदर-आबूरोड में सक्रिय हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के समर्थक भी ओबीसी वोटबैंक को साधने का प्रयास करेंगे।

जिलाध्यक्ष की दौड़ में अन्य प्रमुख दावेदार

जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में कई अन्य प्रमुख नाम भी शामिल हैं।

इनमें पूर्व जिला परिषद सदस्य पुखराज गहलोत, पूर्व जिला प्रमुख अन्नाराम बोराणा और पीसीसी सचिव हरीश परिहार प्रमुख हैं।

वर्तमान प्रधान और आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी लीलाराम गरासिया भी इस पद के लिए दावेदार हैं।

प्रदेश महामंत्री और वर्तमान में पाली प्रभारी झरीश चौधरी तथा पीसीसी सदस्य हरीश रूखाड़ा भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।

पूर्व लोकसभा प्रत्याशी संध्या चौधरी भी जिलाध्यक्ष पद की मजबूत दावेदारों में से एक हैं।

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