Highlights
- SMS अस्पताल की इमरजेंसी में हार्ट की NT-ProBNP जांच बंद।
- नर्सिंग इंचार्ज और प्रभारी दोनों छुट्टी पर, किट उपलब्ध नहीं।
- मरीजों को जांच के लिए प्राइवेट लैब में 2200-2600 रुपए देने पड़ रहे।
- नई इंचार्ज ने किट मंगवाने के निर्देश दिए, जल्द शुरू होगी जांच।
जयपुर: जयपुर (Jaipur) के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल की इमरजेंसी में हार्ट फेलियर की NT-ProBNP जांच किट न होने से बंद है। नर्सिंग इंचार्ज छुट्टी पर हैं, और जिन्हें चार्ज दिया, वे भी अवकाश पर चले गए। मरीजों को बाहर प्राइवेट लैब (Private Lab) में 2200-2600 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (SMS) की इमरजेंसी में इन दिनों हृदय रोगियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां इमरजेंसी में आने वाले और भर्ती मरीजों को आवश्यक जांच के लिए अस्पताल से बाहर निजी प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है।
दरअसल, हार्ट फेलियर का पता लगाने वाली महत्वपूर्ण NT-ProBNP जांच पिछले कुछ दिनों से बंद पड़ी है। इसका मुख्य कारण जांच की किट का उपलब्ध न होना बताया जा रहा है।
हार्ट जांच बंद होने से मरीजों की बढ़ी परेशानी
यह स्थिति ऐसे समय में बनी है जब तेज सर्दी के मौसम में बड़े-बुजुर्गों और पुराने हृदय रोगियों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। सामान्य दिनों की तुलना में अधिक ठंड में हार्ट पेशेंट को परेशानी ज्यादा आती है।
इसी कारण इन दिनों कार्डियक ओपीडी और इमरजेंसी में सांस फूलने, सीने में दर्द होने जैसी शिकायतों वाले मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं। ऐसे मरीजों में प्रारंभिक जांच के बाद ट्रॉप-टी और NT-ProBNP जैसी जांचें इमरजेंसी में ही की जाती हैं।
इन जांचों का परिणाम भी कुछ ही समय में मिल जाता है, जिससे तुरंत उपचार शुरू किया जा सके। लेकिन जांच बंद होने से मरीजों को तत्काल राहत नहीं मिल पा रही है।
प्राइवेट लैब में महंगे दाम पर जांच कराने को मजबूर
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जांच की किट अस्पताल के स्टोर में उपलब्ध है। इसके बावजूद, उसे लाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है, जिसका सीधा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ इन मरीजों को बाहर निजी प्रयोगशालाओं में भेज रहे हैं। इन प्राइवेट लैब में NT-ProBNP जांच के लिए मरीजों को 2200 रुपए से 2600 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं, जो एक बड़ी आर्थिक मार है।
क्यों बंद हुई महत्वपूर्ण NT-ProBNP जांच?
इमरजेंसी में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों के अनुसार, जांच के लिए किट मंगवाने की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ की होती है। नर्सिंग इंचार्ज गोवर्धन छुट्टी पर चले गए थे।
उन्होंने अपना चार्ज नर्सिंग कर्मचारी विजय को सौंपा था, लेकिन विजय भी बिना किसी जिम्मेदार को चार्ज दिए छुट्टी पर चले गए। इसी लापरवाही का नतीजा है कि यह महत्वपूर्ण जांच पिछले दो-तीन दिनों से बंद पड़ी है।
जिम्मेदारी का अभाव और स्टाफ की लापरवाही
यह घटना अस्पताल प्रशासन में जिम्मेदारी के अभाव और स्टाफ की लापरवाही को उजागर करती है। एक महत्वपूर्ण सरकारी अस्पताल में ऐसी बुनियादी जांच का बंद होना गंभीर चिंता का विषय है।
मरीजों को समय पर सही उपचार न मिलने से उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। विशेषकर हृदय रोगियों के लिए हर पल महत्वपूर्ण होता है।
नई इंचार्ज ने संभाला मोर्चा, जल्द शुरू होंगी जांचें
इमरजेंसी के नए इंचार्ज डॉ. सतीश मीणा ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने आज ही इमरजेंसी का चार्ज संभाला है।
मरीज की शिकायतें आने के बाद उन्होंने स्टाफ से जांच बंद होने का कारण पूछा। तब उन्हें पता चला कि नर्सिंग के दोनों इंचार्ज छुट्टी पर हैं और जांच किट उपलब्ध नहीं है।
डॉ. मीणा ने तुरंत स्टोर में संपर्क करके किट जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही किट आने पर मरीजों की जांच फिर से शुरू करवा दी जाएगी, ताकि रोगियों को राहत मिल सके।
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