कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेश पायलट अपने दौर में जनता के नेता थे. एयरफोर्स से राजनीति में आने के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. उन्हें ना केवल लगातार दौरे करने पड़ते थे बल्कि कई दिनों तक वे दिल्ली नहीं लौटते थे.
राजेश पायलट के लगातार राजनीतिक जीवन में व्यस्त हो जाने के कारण ना तो परिवार को टाइम दे पाते थे और ना ही किसी खास मौके पर समय से पहुँच पाते थे. लेकिन राजेश पायलट के लिए उनके जीवन में सबसे खास होता था उनकी शादी की सालगिरह का दिन.
राजेश पायलट की शादी 12 मार्च 1974 को बागपत के चौधरी नैन सिंह की बेटी रमा से हुई और ये ही वो दिन था जो राजेश पायलट के जीवन का सबसे खास दिन बन गया.
पायलट जब एयरफोर्स में थे तो अपनी सालगिरह के दिन एक बड़ी पार्टी देते थे जिसमे उनके एयरफोर्स के दोस्त शामिल होते थे. लेकिन पॉलिटिक्स में आने के बाद देश की सियासत की बड़ी-बड़ी हस्तियां उनकी पार्टी में शामिल होने लगी.
राजेश पायलट की पार्टी का ख़ास अंदाज रमा पायलट ने बताया
राजेश पायलट की एक ऐसी ही खास पार्टी का जिक्र उनकी पत्नी रमा पायलट ने अपनी किताब ' राजेश पायलट एक जीवनी' में किया है. रमा पायलट किताब में लिखती है कि 12 मार्च का दिन राजेश सिर्फ परिवार के लिए ही बचाकर रखते थे.
इस दिन राजेश पायलट न केवल एक बड़ी पार्टी का आयोजन करते थे बल्कि उसका मैनेजमेंट भी खुद ही देखते थे. अपनी इस खास पार्टी में मेहमानों को बुलाने का उनका अंदाज भी सबसे निराला था. पायलट खुद इस पार्टी का इन्विटेशन कार्ड छपवाते और अपने हाथ से ही गेस्ट का नाम लिखते.
पायलट का कार्ड होता था सबसे अलग
अपनी सालगिरह की पार्टी के लिए जो कार्ड राजेश पायलट छपवाते थे उसमे लिखा एक-एक शब्द वे अपने हाथों से लिखते थे और कार्ड में मेहमानों को इन्वाइट करते वक्त यह भी लिखते थे की उनकी शादी को कितने साल,कितने महीने और कितने घंटे हो चुके है.
यहां तक की सात फेरों के टाइम से लेकर पार्टी का टाइम तक राजेश पायलट अपने हाथ से उस कार्ड में लिखते.
राजेश पायलट के हाथ से लिखा वह कार्ड जब उनके दोस्तों तक पहुंचता था तो वो खास चर्चा का विषय बन जाता था. उनके दोस्त वो कार्ड बड़े शौक से पढ़ते और कभी-कभी उनका टेस्ट भी ले लेते कि क्या वाकई कार्ड पर लिखी जानकारी सच है या नहीं ? लेकिन राजेश पायलट हर बार कसौटी पर खरा उतरते थे.
पॉलिटिक्स में आने के बाद नहीं बदला पार्टी का अंदाज
पॉलिटिक्स में आने के बाद राजेश पायलट की जिंदगी जरूर बदल गई लेकिन सालगिरह के मौके पर उनकी पार्टी का अंदाज बिल्कुल नहीं बदला. जब राजेश पायलट पहली बार भरतपुर से सांसद चुने गए तो उसके दो महीने बाद ही उनकी शादी की सालगिरह आनी थी.
लोकसभा चुनाव के कारण वे ज्यादा व्यस्त हो गए. संजय गाँधी ने उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दे राखी थी. लेकिन राजेश पायलट ने गुपचुप तरीके से एक बड़ी पार्टी का अरेंजमेंट कर लिया जिसकी रमा पायलट को भनक तक नहीं लगी.
अपने उसी अंदाज में पायलट ने इन्विटेशन कार्ड छपवाया. उसमे शादी के कितने साल,महीने और घंटे हुए है उसका पूरा ब्यौरा दिया. जब वह कार्ड प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी, गृहमंत्री ज्ञानी जेल सिंह सहित तमाम बड़े नेताओं तक पहुंचा तो हर कोई उनका कार्ड देखकर इम्प्रेष हो गया.
ज्ञानी जेल सिंह ने रमा पायलट से कहा 'कुड़िये किन्ने बंदे ने ऐसे'
सांसद बनने के बाद राजेश पायलट की सालगिरह पार्टी दिल्ली के धौला कुंआ के एक क्लब में हुई. सियासत की बड़ी हस्तियों से लेकर राजेश पायलट के एयरफोर्स के दोस्त भी उस पार्टी में पहुंचे.
तत्कालीन गृह मंत्री ज्ञानी जेल सिंह राजेश पायलट का कार्ड देखकर इतने प्रभावित हो चुके थे कि उन्होंने रमा पायलट के पास आकर कहा-
' कुड़िये किन्ने बंदे ने ऐसे, जिन्हा नूं ए याद रहन्दा है कि किन्ने दिन ते किन्ने घंटे उन्हा दे ब्याह नू होये ने ' [ बेटी कितने ऐसे लोग है, जिन्हे यह याद रहता है कि उनकी शादी के कितने दिन और घंटे हो गए है ]