Highlights
- सेबी ने अडाणी ग्रीन एनर्जी के इनसाइडर ट्रेडिंग केस में प्रणव अडाणी और दो रिश्तेदारों को क्लीन चिट दी।
- 50 पेज के ऑर्डर में सेबी ने UPSI शेयर करने का कोई ठोस सबूत नहीं पाया।
- डील से जुड़ी जानकारी मीडिया में पहले ही सार्वजनिक हो चुकी थी।
- अडाणी ग्रुप के लिए यह दूसरी बड़ी राहत है, जिससे रेगुलेटरी दबाव कम होगा।
JAIPUR | मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अडाणी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) की 2021 में SB एनर्जी (SB Energy) अधिग्रहण डील से जुड़े इनसाइडर ट्रेडिंग केस में प्रणव अडाणी (Pranav Adani) और उनके दो रिश्तेदारों को क्लीन चिट दे दी है। सेबी ने कहा कि उनके खिलाफ अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इनफार्मेशन (UPSI) शेयर करने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
यह फैसला एक 50 पेज के विस्तृत ऑर्डर में सुनाया गया है, जिसमें सभी पहलुओं की गहन जांच की गई थी। इस आदेश से अडाणी समूह को बड़ी राहत मिली है।
क्या था पूरा मामला?
यह पूरा मामला अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) द्वारा SB एनर्जी होल्डिंग्स के अधिग्रहण से जुड़ा था। यह डील 3.5 बिलियन डॉलर यानी 31,693 करोड़ रुपये में हुई थी।
डील की आधिकारिक घोषणा 19 मई 2021 को की गई थी। सेबी ने जनवरी 2021 से अगस्त 2021 तक के ट्रेडों की विस्तृत जांच की थी।
प्रणव अडाणी और रिश्तेदारों पर आरोप
नवंबर 2023 में गौतम अडाणी के भतीजे प्रणव अडाणी, कुणाल शाह और नृपाल शाह को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था। कुणाल शाह की शादी प्रणव की कजिन नृपाल से हुई है।
उन पर आरोप था कि प्रणव ने गुप्त जानकारी साझा की और उनके रिश्तेदारों ने उस आधार पर 17-18 मई को शेयर खरीदे। इन ट्रेडों से उन्हें कथित तौर पर 51 लाख रुपये और 40 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था।
सेबी ने क्यों दी क्लीन चिट?
सेबी के आदेश का मुख्य बिंदु यह था कि 16 मई 2021 को कुणाल का प्रणव से फोन कॉल अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इनफार्मेशन (UPSI) साझा करने के लिए नहीं था। उस दिन दोपहर में ही मीडिया में SB एनर्जी डील से जुड़ी खबरें आ चुकी थीं।
इस प्रकार, यह जानकारी सार्वजनिक हो गई थी और अब गोपनीय नहीं रही थी। सेबी ने पाया कि इसके बाद हुए ट्रेड सामान्य पैटर्न से मेल खाते थे।
शेयर की कीमतों में उछाल भी मीडिया रिपोर्ट्स के बाद ही शुरू हुआ था। सेबी ने स्पष्ट किया कि आरोप साबित नहीं होते, इसलिए कोई निर्देश या जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
यह मामला अब बंद कर दिया गया है।
अन्य लोगों को भी राहत
एक अलग 63 पेज के आदेश में, सेबी ने विनोद बहेटी (पूर्व अडाणी समूह M&A प्रमुख), तरुण जैन, राजतरु एंटरप्राइजेस और MC जैन इन्फोसर्विसेस को भी इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया। ये सभी आरोप उसी SB एनर्जी डील से जुड़े ट्रेडों पर आधारित थे।
सेबी ने कोई ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण इन मामलों को भी बंद कर दिया है।
डील की घोषणा और बाजार की प्रतिक्रिया
19 मई 2021 को सुबह अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने स्टॉक एक्सचेंज पर घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि सॉफ्टबैंक और भारती समूह से SB एनर्जी के 100% शेयर खरीदने का समझौता किया गया है।
यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक बड़ी डील थी। घोषणा के दिन शेयर 3.75% चढ़ा, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से पहले ही बाजार प्रतिक्रिया दे चुका था।
18 मई को शेयर 1,198.75 रुपये पर बंद हुआ था, जबकि 19 मई को यह 1,243.65 रुपये पर बंद हुआ।
सेबी के आदेश की मुख्य बातें
सेबी ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है कि नोटिसी नंबर 2 (कुणाल) और 3 (नृपाल) के ट्रेड वास्तविक थे। वे कंपनी या उसके शेयरों से जुड़ी किसी UPSI से प्रभावित नहीं थे।
प्रणव अडाणी को कनेक्टेड पर्सन माना गया, लेकिन UPSI साझा करने का कोई प्रमाण नहीं मिला।
अडाणी समूह पर इसका क्या असर होगा?
यह अडाणी समूह के लिए हाल की दूसरी बड़ी राहत है। सितंबर 2025 में सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़े रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन के आरोपों से भी समूह को क्लीन चिट दी थी।
अब इस इनसाइडर ट्रेडिंग केस के बंद होने से समूह पर नियामक दबाव कम हो सकता है। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) के शेयरों पर सकारात्मक प्रभाव दिख सकता है।
पुरानी जांचें खत्म होने से कंपनी का ध्यान नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर बना रहेगा।
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
इनसाइडर ट्रेडिंग का अर्थ है किसी कंपनी के कर्मचारी या अधिकारी द्वारा कंपनी से जुड़ी गोपनीय जानकारी का उपयोग करना। इस जानकारी का उपयोग करके स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदकर या बेचकर लाभ कमाना इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाता है।
सेबी ने ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए सख्त नियम बनाए हैं ताकि बाजार में निष्पक्षता बनी रहे।
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