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गुवाहाटी के दिसपुर थाने में श्रीनिवास बीवी के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली कांग्रेस नेता अंगकिता दत्ता ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि, सच्चाई सामने आएगी। यह आरोप पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि, यह एक व्यक्ति बीवी श्रीनिवास के खिलाफ है।
नई दिल्ली । कांग्रेस से 6 साल के निलंबन की सजा झेल रही भारतीय युवा कांग्रेस की असम अध्यक्ष अंगकिता दत्ता का एक बार फिर से बड़ा बयान सामने आया है।
गुवाहाटी के दिसपुर थाने में श्रीनिवास बीवी के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली कांग्रेस नेता अंगकिता दत्ता ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि, सच्चाई सामने आएगी। यह आरोप पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि, यह एक व्यक्ति बीवी श्रीनिवास के खिलाफ है।
अगर किसी ने कोरोना काल के दौरान अच्छा काम किया है इसका मतलब ये नहीं है कि, वह उसके अपराध से मुक्त है।
बता दें कि, भारतीय यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी और सचिव प्रभारी वर्धन यादव पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद अंगकिता दत्ता को कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
दत्ता ने आरोप लगाया था कि श्रीनिवास बीवी एक अराजक व्यक्ति है, जो उन्हें परेशान कर रहे हैं। उनके साथ लिंग के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है।
दत्ता ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने मामले की जानकारी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दी थी, लेकिन कोई जांच का आदेश नहीं दिया गया था।
#WATCH | Truth will come out, it isn't against the party, it's against an individual BV Srinivas. If someone did good work during Covid it doesn't absolve him of his crime: Angkita Dutta, former President of Assam Youth Congress about her allegations against BV Srinivas pic.twitter.com/vSJLICLTDE
— ANI (@ANI) April 24, 2023
कौन हैं अंगकिता दत्ता?
कांग्रेस सदस्यों की चार पीढ़ियों वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंगकिता दत्ता दो बार आंतरिक संगठनात्मक चुनाव लड़े और बूथ समिति की सदस्य बनीं।
उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली गई ’भारत जोड़ो यात्रा’ में सक्रिय रूप से भाग लिया और राहुल गांधी के साथ कदम ताल मिलाई।
दत्ता के परिवार का कांग्रेस से गहरा नाता है। उनके पिता अंजन दत्ता असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे और 64 वर्ष की आयु में 2016 में एम्स नई दिल्ली में निधन से पहले परिवहन उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में कार्य कार्य कर चुके थे।
इसी के साथ उनके दादा थानेश्वर दत्ता ने 1978 में कांग्रेस के विभाजन के दौरान इंदिरा गांधी का समर्थन किया था और उसी वर्ष शिवसागर एलएसी से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा।