अर्जुनराम मेघवाल बोले: राजस्थान में विकास ठप्प, कांग्रेस कुर्सी बचाने में व्यस्त, भाजपा के साथ है दलित वोट बैंक अब 

राजस्थान में विकास ठप्प, कांग्रेस कुर्सी बचाने में व्यस्त, भाजपा के साथ है दलित वोट बैंक अब 
Arjun Ram Meghwal
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केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए केंद्री की मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया तो राजस्थान की गहलोत सरकार को निशाने पर लिया। 

जयपुर | राजस्थान में गुरूवार का दिन बेहद ही सियासी गरमाहट वाला रहा। 

चुनावी तैयारियों के बीच जहां कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ब्यावर में मसूदा विधानसभा क्षेत्र के विजयनगर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की। 

वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस का दामन छोड़कर कई नेता और अधिकारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

इसी बीच केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए केंद्री की मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया तो राजस्थान की गहलोत सरकार को निशाने पर लिया। 

मंत्री मेघवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रभावी नीतियों का दलित वोट बैंक पर गहरा असर पडा है। 

आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले अधिकांश दलित समाज के दिग्गजों का बाहुल्य था। इसके कारण राजस्थान में विकास ठप्प है। 

कांग्रेस सरकार अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है। हम मुफ्त योजनाओं में विश्वास नहीं रखते हम समाज और नागरिकों को सशक्त बनाने पर जोर देते हैं। 

ये बात हम नहीं कहते यह बात ’दलित स्टडी सेंटर’ कहता है।

अपनी रिपोर्ट में इस सेंटर ने कहा है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में 36 प्रतिशत दलित वोट प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व के चलते भाजपा को मिले। 

वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में यह प्रतिशत 39 प्रतिशत हो गया। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि दलित समाज के वोटरों का भाजपा के समानता के भाव की नीति का गहरा असर हुआ है।

केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि भारत रत्न भीमराव अंबेडकर ने संविधान लागू होने के बाद कहा था कि हम एक विरोधाभासी क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। 

जहां लोकतांत्रिक समानता वोट के आधार पर तो होेगी और ‘एक वोट एक मूल्य होगा’ लेकिन सामाजिक क्षेत्र में असमानता होगी। इसके बाद सवाल यह उठा कि इस सामाजिक असमानता को दूर कौन करेगा। 

2014 में सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैंकेया नायडू की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई और इस दिशा में काम करना शुरू किया। 

इसके बाद सूदूर गांवो में बिजली की असमानता को दूर किया, पीएम आवास योजना में गरीबों को घर दिया, स्वच्छता अभियान के तहत 11.5 करोड शौचालय बनवाए। 

इसके बाद अनुसूचित जाति वर्ग के लोग कहने लगे कि मोदी सरकार ही बेहतर है। इसलिए मैं दावे से कह सकता हूं कि आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित समाज भाजपा के साथ रहेगा। 

कंेद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने मुद्रा लोन के तहत वंचित लोगों को सस्ता लोन दिया, स्टैंडअप इंडिया के तहत देशभर में दलितों को 10 लाख से एक करोड तक का लोन मुहैया कराया गया। 

वेंचर कैपिटल और आईएनसी  के तहत भी कंपनी बनाकर अपना उद्योग लगाने की छूट दी। सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो मोदी सरकार ने 13.5 करोड एैसे लोग जो गरीबी रेखा से नीचे थे उन्हे गरीबी रेखा से ऊपर लेकर आए। 

देश के नागरिकों की औसत आय बढी और देश में गरीबों को चिन्हित कर आकांक्षी योजनाओं को लाभ दिलाया। 

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