बाड़मेर: डीएमएफटी फंड विवाद: विधायक रविंद्र भाटी की याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस

डीएमएफटी फंड विवाद: विधायक रविंद्र भाटी की याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस
ravindra singh bhati
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Highlights

  • डीएमएफटी फंड वितरण में अनियमितता को लेकर बाड़मेर में विवाद।
  • विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जिला प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
  • हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को चार सप्ताह में जवाब देने का नोटिस जारी किया।
  • भाटी का आरोप, शिव विधानसभा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा काटकर गैर-खनन क्षेत्रों को दिया गया।

बाड़मेर: राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (District Mineral Foundation Trust - DMFT) फंड वितरण में अनियमितता को लेकर उठे विवाद में शिव (Shiv) विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने हाईकोर्ट (High Court) का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

डीएमएफटी फंड वितरण में अनियमितता

बाड़मेर जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के फंड वितरण में अनियमितता को लेकर उठा विवाद अब गहरा गया है।

यह मामला खनिज संसाधनों से जुड़े फंड के पारदर्शी वितरण और स्थानीय क्षेत्रों के हक को लेकर सामने आया है।

यह फंड बाड़मेर जैसे खनिज समृद्ध जिले में विकास कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विधायक भाटी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया है।

उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

विधायक भाटी का दावा है कि शिव विधानसभा क्षेत्र के लिए आवंटित फंड का एक बड़ा हिस्सा काट लिया गया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गैर-खनन क्षेत्रों में स्वीकृतियां दी गई हैं।

भाटी ने इस कार्रवाई को 'चोरी' करार देते हुए कहा कि यह फंड क्षेत्रवासियों का हक है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता के हक को सुरक्षित करने के लिए न्यायालय ही अंतिम विकल्प है।

डीएमएफटी फंड का कथित दुरुपयोग

डीएमएफटी फंड का प्रबंधन खनन क्षेत्रों में प्रभावित गांवों के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एकत्रित फंड से होता है।

बाड़मेर जिले में खनिज उत्खनन के जारी किए गए पट्टों के कारण यह फंड करोड़ों रुपये का है।

इस फंड का उपयोग स्कूल, अस्पताल, सड़क और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्यों में किया जाता है।

बाड़मेर जिले की चार विधानसभाओं में स्वीकृत राशि

डीएमएफटी मीटिंग के बाद जिला कलेक्टर ने पानी, सड़क, शिक्षा और अन्य विकास कार्यों के लिए कुल 103 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

इस बजट में सबसे अधिक 65 करोड़ रुपये बाड़मेर विधानसभा को जारी किए गए हैं।

इसके बाद शिव को 18 करोड़, गुड़ामालनी को 15 करोड़ और चौहटन को 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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