Bharatpur: भरतपुर के राजपरिवार में कलह कोर्ट में आई, मीडिया में इस तरह हुई प्रतिक्रिया

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भरतपुर में एक बार फिर से पूर्व राज परिवार में संपत्ति का जिन्न खड़ा हो गया है। विश्वेन्द्रसिंह भरतपुर जो कि अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री थे, उन्होंने न्यायालय की शरण लेते हुए खुद के साथ मारपीट की बात कही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है। यही नहीं उन्होंने गुजारा भत्ता भी मांगा है। अनिरुद्ध सिंह और उनकी मां दिव्या सिंह ने प्रेस वार्ता करके अपना पक्ष रखा है और पूरे प्रकरण की ओपन कोर्ट सुनवाई की मांग की है।

जयपुर  गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Rajasthan) में मंत्री रह चुके विश्वेंद्र सिंह (Vishvendra Singh) और उनकी पत्नी दिव्या सिंह के बीच कलह तूल पकड़ती जा रही है। पूर्व राजपरिवार के मालिकाना हक वाले ऐतिहासिक मोती महल (Moti Mahal Bharatpur) पर भी दोनों के बीच जंग छिड़ चुकी है। इसे लेकर विश्वेंद्र सिंह ने अपने बेटे और पत्नी पर गंभीर आरोप लगाकर बड़ा खुलासा किया है। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि उन पर मोती महल (Moti Mahal Bharatpur) को बेचने का आरोप झूठा है। उन्होंने अपने पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हो कहा कि 'मैं अपनी आखिरी सांस तक मोती महल (Moti Mahal Bharatpur) को नहीं बिकने दूंगा।'

'मोती महल राज परिवार और भरतपुर जिले की पहचान'

विश्वेन्द्र सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए पत्नी और बेटे के मोती महल के बेचने वाले आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि मोती महल, जो सम्पूर्ण भरतपुर जिले की ऐतिहासिक विरासत है। उसको बेचने के जो आरोप मेरी पत्नी और बेटा मेरे ऊपर लगाए जा रहे हैं, वह सरासर झूठे और निराधार हैं। इस ऐतिहासिक विरासत को बेचने की, मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता। मोती महल जो राजपरिवार एवं भरतपुर जिले की पहचान है, उस ऐतिहासिक विरासत की एक इंच जमीन भी मेरी आखिरी सांस तक बेचने नहीं दूंगा।

विश्वेंद्र सिंह पर पत्नी- बेटे ने प्रॉपर्टी बेचने का आरोप लगाया
दिव्या सिंह (Divya Singh) और अनिरुद्ध सिंह (Aniruddh singh bharatpur) ने विश्वेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने सारी प्रॉपर्टी बेच दी है। उन्होंने डॉक्यूमेंट पर हमारे फर्जी सिग्नेचर भी कराए हैं। एक मोती महल है, जिसे बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा मामला बना है।

मोती महल (Moti Mahal Bharatpur) महारानी दिव्या सिंह के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है। उन्होंने कहा कि महाराजा विश्वेंद्र सिंह (Vishvendra Singh) को हमने लोगों से मिलने से नहीं रोका है। उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर जाकर के देख सकते हैं। वह लोगों से मुलाकात करते हैं और उन्होंने जो मारपीट के आरोप लगाए हैं, उस वह समय गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Rajasthan cabinet) में कैबिनेट मंत्री थे, ऐसे में उनके साथ कैसे मारपीट हो सकती है? अगर मारपीट होती, तो पुलिस में भी मामला दर्ज होता। वह खुद ही 3 साल में महल नहीं आए। हम लोगों की पर्सनल लाइफ है। हम लोगों के फाइनेंस सक्सेज से दिक्कत है, तो हम कुछ नहीं कर सकते।

विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे पर लगाए गंभीर आरोपविश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि पत्नी और बेटे ने उनके कपड़े फाड़कर कुएं में फेंक दिए। उनके कपड़ों का जला दिया। कागजात के रिकॉर्ड आदि फाड़ दिए। गाली-गलौज कर कमरों से सामान बाहर फेंक दिया। उनका चाय-पानी बंद करा दिया।

खाना भी अधूरा ही छोड़ दिया। विश्वेंद्र सिंह (Vishvendra Singh)ने आरोप लगाया कि निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले लोगों को उनसे मिलने तक नहीं दिया जाता। बिना अनुमति के बाहर आना-जाना भी बंद कर दिया। उनकी गाड़ी का ड्राइवर भी हटा दिया गया। उन्होंने जान का खतरा बताया। उन्होंने पत्नी-बेटे पर संपत्ति हड़पने के प्रयास का आरोप लगाया। विश्वेंद्र सिंह (Vishvendra Singh) ने परिवाद में कहा कि उनके साथ मारपीट हुई और एक कमरे तक में सीमित कर दिया गया। गार्ड से भी दुर्व्यवहार किया गया। इसकी वजह से उन्हें घर छोड़कर जाना पड़ा।

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